निकाय क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार देगी मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना

Edited By prashant sharma, Updated: 23 May, 2020 01:44 PM

provide employment to the unemployed in the civic sector

बाहरी राज्यों से प्रदेश में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों व नगर निकाय क्षेत्र से संबंधित उन लोगों के लिए प्रदेश सरकार ने रोजगार के द्वार खोल दिये हैं जो कोरोना महामारी के चलते या तो बेरोजगार हो गए हैं

ज्वालामुखी (नितेश) : बाहरी राज्यों से प्रदेश में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों व नगर निकाय क्षेत्र से संबंधित उन लोगों के लिए प्रदेश सरकार ने रोजगार के द्वार खोल दिये हैं जो कोरोना महामारी के चलते या तो बेरोजगार हो गए हैं या फिर उन्हें रोजगार उपार्जन में किसी तरह की दिक्कत आ रही है। इन सभी लोगों को एक मुश्त 120 दिन का रोजगार देने के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के तमाम नगर निकायों को अधिकृत करते हुए आदेश पारित कर दिये हैं। जिसके तहत मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना के अंतर्गत सभी स्थानीय व प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण करने के बाद रोजगार के लिए काम मुहैया करवाया जाएगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस योजना के सफल क्रियान्वन के लिए राज्य की सभी नगर निकायों को सर्कुलर जारी कर दिया है।

ज्ञात हो कि 22 मार्च को देश भर में जनता कर्फ्यू के बाद 30 मई तक लॉकडाउन लगाया है। लम्बे लॉकडाउन के चलते जहां प्रदेश से भी लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने पलायन किया था वहीं हजारों मजदूर अभी भी आजीविका के लिए काम की तलाश में  प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रुके हुए हैं। हालांकि 20 अप्रैल से ही हिमाचल सरकार ने विकास कार्यों को गति देने के मकसद से कई विभागों के निर्माण कार्य शुरू करने की इजाजत दी थी। परन्तु इससे भी शहरों में फंसे असंख्य मजदूरों को रोजगार पाने के लिए मुश्किलें आ रही थीं। अब मुख्यमन्त्री शहरी आजीविका योजना के माध्य्म से उन लोगों को राहत मिलेगी जो नगर निकाय एरिया में फंसे हुए हैं। योजना के तहत प्रवासी मजदूरों के अतिरिक्त उन स्थानीय लोगों को नगर परिषदें काम देंगी जिन्हें इसकी जरूरत होगी। आवेदन के बाद नगर निकाय ऐसे लोगों को जॉब कार्ड देगी। जिसके उपरांत उन्हें काम पर लगाया जाएगा।

ये रहेंगे जरूरी दस्तावेज

कामगार नगर निकाय क्षेत्र से ही संबंधित हैं इसको सत्यापित करने के स्थानीय लोगों को योजना के अंतर्गत आवेदन करने के साथ आधार कार्ड व बैंक का एकाउंट नंबर दर्शाना जरूरी होगा। जबकि प्रवासी लोगों को जिस किसी के पास वे किराएदार के रूप में रहते हैं उनका नाम पता दर्शाना अनिवार्य होगा। इन दस्तावेजों को दिखाने के बाद ही आवेदकों को जॉब कार्ड देकर काम दिया जाएगा। मुख्यमंत्री आजीविका योजना के तहत परिवार के एक सदस्य को ही 120 दिन का काम मिलेगा। अतः यदि  परिवार के 2 सदस्य काम चाहते हों तो उन्हें 60-60 दिन का काम नगर निकाय उपलब्ध करवायेंगे।

क्या कहती नप कार्यकारी अधिकारी

योजना की जानकारी देते हुए नगर परिषद ज्वालामुखी की कार्यकारी अधिकारी कंचन बाला ने कहा कि सरकार के निर्देशों के अनुरूप इस महत्वाकांक्षी योजना को सिरे चढ़ाने हेतु काम शुरू कर दिया है। निकाय क्षेत्र के भीतर का कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ लेने के लिए जॉब कार्ड बनवा सकता है। जॉब कार्ड बन जाने के बाद 15 दिन के भीतर नगर निकाय काम देगी। शहरी विकास व निकाय मंत्री सरवीण चौधरी ने बताया कि कोरोना संकट के कारण बेरोजगार हुए लोगों के लिए सरकार यह महत्वाकांक्षी योजना लेकर आयी है। जिसके तहत 120 दिन का रोजगार दिया जाएगा। यह योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी जो महामारी के चलते बेरोजगार होकर घर बैठ गए हैं। साथ ही बाहरी राज्यों से हिमाचल में फंसे हुए परिवारों को भी आजीविका मिलने से घर चलाने में मदद मिलेगी।
 

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