Edited By Vijay, Updated: 20 Feb, 2020 09:32 PM
प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ वीरवार को युवा कांग्रेस ने शराब की खाली बोतलें लेकर धरना-प्रदर्शन किया। युकां कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन से जिलाधीश कार्यालय तक रैली निकाली और नारेबाजी कर सरकार की नीतियों के खिलाफ...
शिमला (ब्यूरो): प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ वीरवार को युवा कांग्रेस ने शराब की खाली बोतलें लेकर धरना-प्रदर्शन किया। युकां कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन से जिलाधीश कार्यालय तक रैली निकाली और नारेबाजी कर सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान युकां कार्यकर्ताओं ने सरकार पर युवाओं को नशे की तरफ धकेलने के भी आरोप लगाए और तत्काल फैसले को वापस लेने की मांग की। इस अवसर पर युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जगदेव गागा, युकां प्रदेशाध्यक्ष मुनीष ठाकुर व शिमला शहरी युकां अध्यक्ष वीरेंद्र बांश्टू सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रदेश सरकार शराब माफिया के पूरे प्रभाव में : जगदेव गागा
प्रदेश प्रभारी जगदेव गागा ने कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ नशा निवारण के प्रचार पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है तो दूसरी तरफ शराब को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार शराब माफिया के पूरे प्रभाव में है और उन लोगों के लाभ के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मनीष ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाय शराब दे रही है जिससे युवा नशेड़ी बनेंगे।
बेरोजगारी कम करने के लिए नहीं कोई योजना : मनीष ठाकुर
मनीष ठाकुर ने कहा कि शराब के ठेके नीलाम न किए जाने का निर्णय गलत साबित होगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि इनके आबंटन में जहां भाई-भतीजावाद चलेगा, वहीं इससे प्राप्त होने वाले राजस्व में भी भारी कमी होगी। उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है।
जनविरोधी नहीं जनहित के निर्णय ले सरकार : बांश्टू
युवा कांग्रेस ने बीयर बार और होटलों को देर रात तक खुला रखने और शराब परोसने के निर्णय का भी विरोध जताया है। युवा कांग्रेस शिमला शहरी के अध्यक्ष वीरेंद्र बांश्टू ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है और माहौल पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को जनविरोधी नहीं जनहित के निर्णय लेने चाहिए ताकि प्रदेश का विकास सुनिश्चित हो सके।