Edited By Ekta, Updated: 27 Jun, 2018 09:26 AM
हिमाचल प्रदेश मुख्याध्यापक, प्रधानाचार्य एवं निरीक्षण संवर्ग अधिकारी संघ ने रिक्त चल रहे शिक्षा उपनिदेशक, प्रधानाचार्य व मुख्याध्यापकों के सैंकड़ों पदों को न भरने पर रोष व्यक्त किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विजय गौतम, महासचिव धु्रप पटियाल, कार्यकारी...
धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश मुख्याध्यापक, प्रधानाचार्य एवं निरीक्षण संवर्ग अधिकारी संघ ने रिक्त चल रहे शिक्षा उपनिदेशक, प्रधानाचार्य व मुख्याध्यापकों के सैंकड़ों पदों को न भरने पर रोष व्यक्त किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विजय गौतम, महासचिव धु्रप पटियाल, कार्यकारी अध्यक्ष अजय शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान विजय परमार आदि ने कहा कि रिक्त पदों के कारण शिक्षा प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग उपनिदेशकों के 15 पद खाली हैं। शिमला को छोड़कर हर जिला में 3 डिप्टी डायरैक्टर का पद है सैंक्षन हैं, जिसमे से एक उपनिदेशक प्राथमिक, उपनिदेशक हायर व एक इंस्पैक्षन विंग का शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश भर में प्रधानाचार्य के 180 पद जबकि मुख्याध्यापक के 160 पद रिक्त हैं। संघ के अनुसार जो प्रधानाचार्य एडहाक, प्लेसमेंट या होल्डिंग चार्ज पर हैं, उन्हें एक मुश्त नियमित करके देय लाभ दिए जाने चाहिए। 2008 के बाद वित्तीय लाभ नहीं मिल पाए हैं।
मुख्याध्यापक के पदोन्नति कोटे को बढ़ाया जाए
वहीं संघ के सदस्यों ने मुख्यध्यापकों के वेतन निर्धारण के समय वेतन संरक्षित करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सभी उच्च विद्यालियों में कंप्यूटर शिक्षण लगाए जाने चाहिए। सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में तो कंपयूटर शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं लेकिन उच्च विद्यालयों में एक भी कंप्यूटर शिक्षक नहीं है।
शर्त न हटी तो सी. एंड. वी. संघ करेगा घेराव
अगर हिमाचल सरकार 4500 ड्राईंग एवं शारीरिक शिक्षकों को मिडल स्कूलों में 100 से कम छात्र संख्या की शर्त लगाकर तबादले करती है तो राजकीय सी.एंड. वी. अध्यापक संघ इसका कड़ा विरोध करेगी। वहीं उक्त अधिसूचना को जल्द रद्द न किया गया तो राजकीय सी.एंड. वी. अध्यापक संघ शिक्षा निदेशालय व सचिवालय का घेराव करेगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। संघ के वरिष्ठ मीडिया प्रभारी मंगल सिंह गुलेरिया ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से अनुरोध किया है कि 100 से कम छात्र संख्या की शर्त लगाकर जो 4500 अध्यापकों के तबादले की जो अधिसूचना जारी हुई है उसे अपने तत्काल प्रभाव से रद्द करवाएं नहीं तो राज्य सी.एंड.वी. अध्यापक संघ मजबूर होकर रणनीति तैयार करके शिक्षा निदेशालय व सचिवालय का घेराव करेगा।