Edited By prashant sharma, Updated: 13 Apr, 2020 04:05 PM
लॉकडाउन और कफ््र्यू में कई व्यवस्थाए ठप सी पड़ गई है। कई सरकारी कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार प्रयास कर रही है, परंतु ठप पड़े कार्यों को पुनः गति देने के लिए सरकार विचार कर रही है।
शिमला : लॉकडाउन और कफ््र्यू में कई व्यवस्थाए ठप सी पड़ गई है। कई सरकारी कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार प्रयास कर रही है, परंतु ठप पड़े कार्यों को पुनः गति देने के लिए सरकार विचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर जयराम सरकार भी प्रदेश के सभी विभागों के उच्च अधिकारियों का रोजाना दफ्तर आना अनिवार्य कर सकती है। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों सहित संयुक्त सचिव स्तर के अफसरों को दफ्तर आने के निर्देश दे दिए हैं। इसी कड़ी में सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इस तरह का फैसला ले सकते हैं।
वर्तमान में सिर्फ आपात कालीन सेवाओं वाले विभागों के अधिकारी ही दफ्तर आ रहे हैं। नई व्यवस्था के तहत सभी आईएएस, एचएएस और विभागाध्यक्षों को भी दफ्तर बुलाया जा सकता है। इन अधिकारियों से जुड़े क्लास टू से फोर तक के स्टाफ के लिए सरकार रोटेशन का फार्मूला लगा सकती है।
14 और 15 अप्रैल को हिमाचल में सरकारी छुट्टी है। ऐसे में संभावित है कि 16 अप्रैल से नई व्यवस्था लागू हो सकती है। उधर, मंत्रियों को भी रोटेशन के आधार पर सचिवालय में रोजाना बैठाने की तैयारी है। मंत्रियों के दफ्तर आने से अन्य सरकारी कामों में भी तेजी लाने के लिए सरकार प्रयास करने में जुट गई है।