हिमाचल में होम स्टे को GST के दायरे में लाने की तैयारी, सरकारी खजाने में होगी वृद्धि

Edited By Vijay, Updated: 16 Oct, 2019 10:42 PM

preparation to bring home stay under gst

राज्य में लगने वाली प्रोजैक्ट इंडस्ट्री के साथ होम स्टे को भी जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है। इसके जीएसटी के दायरे में आने से सरकारी खजाना भरेगा, जिससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व लाभ मिल सकेगा।

शिमला: राज्य में लगने वाली प्रोजैक्ट इंडस्ट्री के साथ होम स्टे को भी जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है। इसके जीएसटी के दायरे में आने से सरकारी खजाना भरेगा, जिससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व लाभ मिल सकेगा। सूत्रों के अनुसार गत दिन नई दिल्ली में इस विषय को लेकर हुई बैठक में चर्चा हुई है। इस चर्चा के बाद अब जीएसटी काऊंसिल की आगामी बैठक में इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में दर्जनों प्रोजैक्टों का निर्माण कार्य हो रहा है। राज्य में भविष्य में एक दर्जन के करीब पावर प्रोजैक्टों का निर्माण शुरू होना है। इसी तरह राज्य में ग्रामीण व दूरदराज के इलाकों में सैलानियों को ठहराने की सुविधा प्रदान करने और लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सरकार ने होम स्टे योजना आरंभ की है।

12 फीसदी जीएसटी लगाने की चल रही तैयारी

इन दोनों पर आगामी समय में 12 फीसदी जीएसटी लगाने की तैयारी चल रही है। जीएसटी काऊंसिल के फैसले के मुताबिक राज्य में 40 लाख से कम की सालाना टर्नओवर पर इसे वसूला नहीं जाता। प्रदेश में जीएसटी भुगतान करने वालों की संख्या 1 लाख 10 हजार है। जीएसटी लागू होने के बाद प्रारंभ में तो सरकार को थोड़ी परेशानी हुई, मगर करीब पौने 2 साल में जीएसटी संग्रहण की दर में 15 फीसदी के करीब इजाफा हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में जीएसटी संग्रहण करीब 4 हजार करोड़ होने का अनुमान है। यह बीते साल के मुकाबले 15 फीसदी अधिक है।

जीएसटी से प्रदेश को कितनी आय

जीएसटी से प्रदेश को वर्ष 2018-19 में 3456.98 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इसके अलावा मौजूदा वित्तीय वर्ष 2019-20 में गत माह तक 1828 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2017-18 में 2497 करोड़ रुपए का वार्षिक जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ।

प्रदेश में इस समय 1,654 होम स्टे

प्रदेश में इस समय 1,654 इकाइयां हैं। इसके अलावा राज्य में 3,084 होटल भी हैं। इस तरह प्रदेश में पर्यटकों के ठहरने के लिए 44,552 कमरे उपलब्ध हैं। राज्य में मौजूदा समय में औसतन 30 फीसदी ऑक्यूपैंसी रहती है। हालांकि होटलों के लिए हाल ही में जीएसटी में रियायतें दी गई हैं, जिससे अब राज्य में 1,000 रुपए तक होटल के कमरे जीएसटी से मुक्त हो जाएंगे। इसके अलावा 1,001 से 7,500 रुपए तक के कमरों के किराए की दर 12 फीसदी तथा 7,501 रुपए से ऊपर के किराए वाले कमरों पर 18 फीसदी टैक्स देना होगा। यानि होटलों के लिए 28 फीसदी के स्लैब को समाप्त करने के अलावा जीएसटी दरों में युक्तिकरण से इस क्षेत्र में अधिक निवेश होगा।

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