धूमल बोले-कांग्रेस पार्टी को समझना होगा शरणार्थी और घुसपैठिए में फर्क

Edited By Vijay, Updated: 13 Dec, 2019 05:19 PM

prem kumar dhumal

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि नागरिकता बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास हो चुका है और यह मोदी सरकार का तीसरा ऐतिहासिक फैसला है, जिसका भाजपा पार्टी पर विश्वास रखकर सवा सौ करोड़ जनता इंतजार कर रही थी।

हमीरपुर (ब्यूरो): पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि नागरिकता बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास हो चुका है और यह मोदी सरकार का तीसरा ऐतिहासिक फैसला है, जिसका भाजपा पार्टी पर विश्वास रखकर सवा सौ करोड़ जनता इंतजार कर रही थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यह भलीभांति जानती है कि नागरिकता बिल देश की सुरक्षा को सशक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस बिल की अहमियत को समझना होगा कि यह बिल दूसरे देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के लिए है, जोकि उस देश में प्रताडि़त किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में 1947 में 23 प्रतिशित अल्पसंख्यक थे। वर्ष 2011 में 3.7 प्रतिशत रह गए तो बांग्लादेश में 22 प्रतिशत थे, जोकि आज से 1.8 प्रतिशत रह गए हैं। आखिर ये लोग कहां चले गए या फिर इनसे जबरन धर्म परिवर्तन करवा दिया गया है। पड़ोसी देशों के आंकड़ें अल्पसंख्यकों की हालत बताने के लिए काफी हैं। भारत में 9.8 प्रतिशत अल्पसंख्यक लोग थे जोकि आज 14.28 प्रतिशत हो गए हैं। इससे पता चलता है कि अल्पसंख्यक कहां खुश व सशक्त हैं।

कुछ अल्पसंख्यक नेता सिर्फ  अल्पसंख्यक जनता को भड़का कर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। कुछ मुट्ठी भर लोग होते हैं, जोकि उनकी हां में हां मिलाते हैं लेकिन ऐसी विचारधारा के लोगों को समझना होगा कि देश बदल रहा है। इस देश के लोग बदल रहे हैं, जिनकी विचारधारा देश के प्रति नहीं है, उनसे गुजारिश है कि वह अपने आप को बदलें।

उन्होंने कहा कि नागरिकता बिल से भारत देश में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कोई लेना-देना नहीं है। वे देश के नागरिक हैं और हमेशा रहेंगे। कांग्रेस पार्टी को समझना होगा कि शरणार्थी और घुसपैठिए में क्या फर्क होता है। दुनिया में अगर अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा कहीं सुरक्षित है तो वह भारत देश है। अगर देश का विभाजन जिन्ना ने धर्म के आधार पर किया था तो कांग्रेस ने धर्म विभाजन को क्यों स्वीकार किया।

कांग्रेस पार्टी व अन्य दल जो इस बिल के समर्थन में नहीं थे, उन्हें समझना होगा कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान इस्लामिक देश है और किसी भी इस्लामिक देश में मुस्लिम समुदाय के लोग अल्पसंख्यक नहीं हो सकते और यह नागरिकता बिल अल्पसंख्यक लोगों के लिए है, जोकि इन इस्लामिक देशों में प्रताडि़त हो रहे हैं। नागरिकता बिल किसी भी धर्म का हनन नहीं करता है।

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