Edited By Ekta, Updated: 08 Feb, 2019 02:42 PM
सलूणी उपमंडल में भारी बर्फबारी के बीच एक महिला को प्रसव की पीड़ा के बीच उसके परिजनों को सुरक्षित प्रसव करवाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किहार पहुंचाने के लिए 6 फीट बर्फ के बीच 6 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने के लिए मजबूर होना पड़ा। परिवार के...
सलूणी (शक्ति): सलूणी उपमंडल में भारी बर्फबारी के बीच एक महिला को प्रसव की पीड़ा के बीच उसके परिजनों को सुरक्षित प्रसव करवाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किहार पहुंचाने के लिए 6 फीट बर्फ के बीच 6 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने के लिए मजबूर होना पड़ा। परिवार के 6 लोगों सहित उक्त महिला की जान बचाने के लिए उसे पालकी में बर्फबारी के बीच अपनी जान दांव पर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इसकी एक वजह जहां भारी बर्फबारी की मौजूदगी रही तो दूसरी वजह इस पंचायत के गांव तलाई को सड़क सुविधा से नहीं जोड़ा गया है जिससे लोगों में रोष है। जानकारी के अनुसार सविता देवी पत्नी महिंद्र सिंह निवासी गांव तलाई की वीरवार को प्रसव पीड़ा तेज हो गई। घरवालों ने जब स्थिति को नाजुक पाया तो उन्होंने उसे प्रसव के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किहार पहुंचाने का निर्णय लिया, लेकिन भारी बर्फबारी के बीच उक्त गर्भवती महिला को पालकी से उठाकर ले जाने के अलावा उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। इन दिनों इस गांव को शेष विश्व के साथ जोड़ने वाला यह एकमात्र पगडंडी मार्ग पूरी तरह से बर्फ की मोटी परत के नीचे दफन हो चुका है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के पूरी होने का इंतजार
सलूणी-किलोड़ मार्ग का निर्माण वन विभाग ने किया है, जिसके चलते यह सड़क मार्ग भी वन विभाग के अधीन है। हालांकि बीते वर्ष मुख्यमंत्री ने अपने सलूणी दौरे के दौरान इस सड़क को लोक निर्माण विभाग के अधीन करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक यह घोषणा अधूरी पड़ी हुई है। वन विभाग की मानें तो उसके पास इतना अधिक बजट नहीं है कि वह किलोड़ से आगे उक्त गांव तक सड़क निर्माण कार्य को अंजाम दे सके।