Edited By Vijay, Updated: 21 Mar, 2020 10:16 PM
सरकार भले ही महिलाओं को घर-द्वार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावे करती है, लेकिन जिला चम्बा के कई गांवों में महिलाओं को प्रसव करवाने के लिए पालकी पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। सड़क सुविधा के अभाव में लोग इस सुविधा से वंचित हैं।
सलूणी (शक्ति): सरकार भले ही महिलाओं को घर-द्वार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावे करती है, लेकिन जिला चम्बा के कई गांवों में महिलाओं को प्रसव करवाने के लिए पालकी पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। सड़क सुविधा के अभाव में लोग इस सुविधा से वंचित हैं। ऐसा ही जिले के उपमंडल सलूणी की पंचायत सनूह का एक गांव द्रभेन है। शनिवार को आशा देवी पत्नी सुनील कुमार को प्रसव की पीड़ा शुरू हुई। स्वास्थ्य सुविधा के अभाव के चलते महिला को प्रसव करवाने के लिए ग्रामीणों ने पालकी पर बैठकर कंधे पर उठाकर 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलकर पहले सड़क तक पहुंचाया। इसके बाद निजी गाड़ी के माध्यम से सिविल अस्पताल किहार पहुंचा जहां पर चिकित्सक ने महिला को सुरक्षित प्रसव करवाया। महिला ने बेटे को जन्म दिया।
ग्रामीणों को इस तरह की समस्या पहली बार पेश नहीं आई है बल्कि इससे पूर्व भी कई बार ग्रामीण महिलाओं को प्रसव व गांव में कोई व्यक्ति गंभीर बीमार पड़ता है तो उन्हें अस्पताल पहुंचने के लिए पालकी एकमात्र सहारा बन चुका है, लेकिन ग्रामीणों की इस समस्या को न संबंधित विभाग और न ही सरकार गंभीरता से ले रही जिस वजह से यह गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। सरकार के हर मंत्री हर मंच में सबका साथ सबका विकास का ऐलान करते नहीं थकते मगर द्रभेन गांव आज भी आजादी के दशकों बाद भी विकास की लौ से कोसों दूर है। सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से ग्रामीण वंचित हैं और ग्रामीण अपने आप को सरकार से ठगा-सा महसूस कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव आधुनिक युग में भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से नहीं जुड़ा है। कई बार गांव को सड़क सुविधा से जोडऩे के पंचायत में प्रस्ताव पारित कर संबंधित विभाग के साथ सरकार को भेजे लेकिन आज दिन तक उस पर न सरकार और न ही विभाग ने कोई उचित कार्रवाई की। नतीजन आज भी यह गांव सड़क सुविधा से महरूम है। उनका कहना है कि सरकार ने 250 की आबादी के गांव को सड़क सुविधा से जोडऩे को अपनी प्राथमिकता में शुमार किया है। उनके गांव की 300 से ऊपर आबादी है लेकिन इसके बावजूद भी उनके गांव को सड़क का निर्माण नहीं हो सका। गांव के मतदाता को पार्टियां सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
वहीं लोक निर्माण विभाग मंडल सलूणी के सहायक अभियंता शैलशा राणा ने बताया कि विभाग ने द्रभेन गांव के लिए सड़क निर्माण की फोरैस्ट क्लीयरैंस होने के साथ सड़क निर्माण में आने वाले पेड़ों को काट दिया है। शीघ्र इस गांव के लिए सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा।