हिमाचल में दिखने लगा सर्दी का असर, ग्लेशियरों के जमने से इतने % गिरा विद्युत उत्पादन

Edited By Vijay, Updated: 12 Oct, 2019 09:34 PM

power generation affected due to freezing the glaciers

हिमाचल में अभी से सर्दी का असर दिखने लगा है। ठंडक में बढ़ौतरी के बाद ग्लेशियर जम गए हैं। इससे नदी-नालों में पानी बहुत कम रह गया है। पानी की मात्रा कम होने से विद्युत उत्पादन 60 फीसदी तक गिर चुका है। इसके विपरीत ठंड बढ़ने से बिजली की मांग में हर रोज...

शिमला: हिमाचल में अभी से सर्दी का असर दिखने लगा है। ठंडक में बढ़ौतरी के बाद ग्लेशियर जम गए हैं। इससे नदी-नालों में पानी बहुत कम रह गया है। पानी की मात्रा कम होने से विद्युत उत्पादन 60 फीसदी तक गिर चुका है। इसके विपरीत ठंड बढ़ने से बिजली की मांग में हर रोज इजाफा हो रहा है। प्रदेश में बिजली की मांग गर्मियों की तुलना में 255 लाख यूनिट से बढ़कर 280 लाख यूनिटतक पहुंच गई है जबकि राज्य के विद्युत प्रोजैक्ट में उत्पादन तकरीबन 120 लाख यूनिट तक सिमट गया है। हिमाचल में इससे विद्युत संकट गहराने लगा है। बिजली उत्पाद में शॉर्टफाल के बाद हिमाचल प्रदेश मजबूरन बिजली के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर हो गया है।

बसपा परियोजना में 38 लाख यूनिट बिजली घटी

गर्मियों के दौरान बसपा परियोजना बिजली बोर्ड को हर रोज 79 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई करता रहा है लेकिन अब लगभग 41 लाख यूनिट बिजली दे पा रहा है। यही हाल अन्य छोटी व बड़ी विद्युत परियोजनाओं का भी है। बिजली बोर्ड के अपने प्रोजैक्ट रोजाना 90 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति करते हैं। इनसे अब मुश्किल से 49 लाख यूनिट बिजली मिल पा रही है। नाथपा झाखड़ी व कई दूसरी परियोजनाओं में भी इसी तरह से उत्पादन में गिरावट आई है। सर्दियों के दौरान हिमाचल प्रदेश पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली से तकरीबन 2052.49 मिलियन यूनिट बिजली वापस लेगा जोकि गर्मियों में हिमाचल ने इन पड़ोसी राज्यों को बैंकिंग आधार पर दी है। हिमाचल ने सितम्बर के आखिरी सप्ताह के बाद पड़ोसी राज्यों को बिजली की सप्लाई बंद कर दी थी। पड़ोसी राज्य से बिजली की खरीद पर हर रोज तकरीबन एक करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है।

22 लाख उपभोक्ताओं की ऐसे पूरी हो रही मांग

राज्य के 22 लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए रोजाना 110 से 130 लाख यूनिट तक बिजली बाहरी प्रदेशों से ली जा रही है। सैंटर सैक्टर की परियोजनाओं से 55 से 65 लाख यूनिट तथा बैंकिंग सिस्टम से तकरीबन 65-70 लाख यूनिट बिजली वापस लेकर विद्युत उत्पादन में आए शॉर्टफाल को पूरा किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि शॉर्टफाल के बाद प्रदेश में विद्युत कट नहीं लगाए जा रहे हैं।

पड़ोसी राज्यों से वापस ली जा रही बिजली : काल्टा

बिजली बोर्ड के एमडी जेपी काल्टा ने बताया कि हिमाचल में विद्युत उत्पादन 55 से 60 फीसदी तक गिर गया है। विद्युत शॉर्टफाल के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी न हो, इसके लिए पड़ोसी राज्यों से बिजली लेनी शुरू कर दी गई है।

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