पौंग विस्थापितों का हिमाचल में होगा पुनर्वास, सरकार ने दिए जमीन तलाशने के निर्देश

Edited By Vijay, Updated: 01 Dec, 2018 10:52 PM

pong displaced will be rehabilitated in himachal

पौंग बांध के कारण विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास हिमाचल प्रदेश में ही होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने जिला प्रशासन कांगड़ा को उपयुक्त जमीन तलाशने के निर्देश दिए हैं। सरकार के निर्देशों पर जमीन की तलाश शुरू हो गई है। इस जमीन को जिस कीमत पर खरीदा...

शिमला: पौंग बांध के कारण विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास हिमाचल प्रदेश में ही होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने जिला प्रशासन कांगड़ा को उपयुक्त जमीन तलाशने के निर्देश दिए हैं। सरकार के निर्देशों पर जमीन की तलाश शुरू हो गई है। इस जमीन को जिस कीमत पर खरीदा जाएगा, उस राशि को राजस्थान सरकार चुकाएगी। उल्लेखनीय है कि पौंग बांध निर्माण में 226 गांवों की 75,268 एकड़ भूमि चली गई थी। इसमें 113 गांव आंशिक तौर पर प्रभावित हुए थे, जिस कारण 20,722 परिवार विस्थापित हुए। इसके बाद राजस्थान सरकार ने विस्थापितों के पुनर्वास के लिए अनूपगढ़ जिला में करीब 2.20 लाख एकड़ भूमि आबंटित की। इसके अलावा 30 हजार एकड़ भूमि गंगानगर जिला के जेटसार में आबंटित की गई। इस तरह राजस्थान सरकार ने 87,968 एकड़ भूमि 9,196 विस्थापितों को वर्ष, 1977 तक आबंटित की, मगर इसमें से अधिकांश भूमि खेती के लायक नहीं थी।

8 हजार विस्थापितों को भूमि मिलने का इंतजार

जानकारी के अनुसार अभी भी करीब 8 हजार विस्थापितों को भूमि मिलने का इंतजार है। यानी करीब 6 दशक से मामला सिरे नहीं चढ़ पाया है। राजस्थान में जिन लोगों को जमीन भी मिली, वहां पर उनको बसने नहीं दिया गया। सरकार दबंगों के खौफ के कारण कई विस्थापित राजस्थान जाना नहीं चाहते। इसके बाद प्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार से मामला उठाते हुए कहा कि अगर वह भूमि देने में सक्षम नहीं है तो विस्थापितों को एकमुश्त मुआवजे की राशि अदा की जाए। प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी इस मामले को लेकर निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार उचित भूमि तलाश कर विस्थापितों का पुनर्वास करें तथा राजस्थान सरकार इस भूमि की कीमत अदा करे।

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