चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस में अंदरखाते गर्माने लगी राजनीति

Edited By Ekta, Updated: 27 May, 2019 09:31 AM

politics in the aftermath of defeat in election in congress

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में अंदरखाते राजनीति गर्माने लगी है। सूत्रों के अनुसार इसी कड़ी में पार्टी के कुछ नेता और पदाधिकारी अपने पदों से त्याग पत्र देने की तैयारियों में है। भले ही कांग्रेस चुनाव में मिली हार के कारणों की...

शिमला (राक्टा): लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में अंदरखाते राजनीति गर्माने लगी है। सूत्रों के अनुसार इसी कड़ी में पार्टी के कुछ नेता और पदाधिकारी अपने पदों से त्याग पत्र देने की तैयारियों में है। भले ही कांग्रेस चुनाव में मिली हार के कारणों की समीक्षा करने की बात कर रही है लेकिन जिस तरह लाखों वोटों से पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है, उसे देखते हुए अंदरखाते पार्टी के एक गुट ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के कुछ नेता अपनी बात हाईकमान के समक्ष भी उठाने की तैयारियों में हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में लीड मिली है, जबकि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता अपने बूथों तक में लीड नहीं दिलवा पाए। 

इसके साथ ही पार्टी के किसी भी बड़े नेता ने करारी हार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर नहीं ली जबकि हार से आहत होकर कुछ पदाधिकारी त्याग पत्र देने की तैयारी कर चुके हैं। अर्की के पदाधिकारी ने अपना त्याग पत्र भी पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया है। गौर हो कि लोकसभा चुनाव से पहले भी कांगे्रस में कुछ फेरबदल किया गया था लेकिन इस फेरबदल के भी सार्थक परिणाम सामने नहीं आए। सूत्रों की मानें तो जिला कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण के कुछ पदाधिकारी सोमवार को त्याग पत्र देने की तैयारियां कर चुके हैं। चुनावी हार के बाद भी एक-दूसरे पर छींटाकशी का दौररुक नहीं रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पूर्व अध्यक्ष को आड़े हाथ लिया था तो ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक माने जाने वाले विधायक सतपाल रायजादा ने पलटवार किया।

आसान नहीं होगा निर्णय लेना

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को संगठन में चुनावी आधार पर फेरबदल करना आसान नहीं होगा। इसका मुख्य कारण चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री से लेकर विधायकों को अपने विस क्षेत्रों से लेकर बूथों तक में लीड नहीं दिलवा पाना है। ऐसे में प्रदर्शन के आधार पर कार्रवाई किया जाना पार्टी अध्यक्ष की दिक्कतें बढ़ा सकता है।

वर्षों से संगठन के पदों पर बैठे पदाधिकारियों की सूची हो रही तैयार

प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न पदों पर लंबे समय से बैठे पदाधिकारियों की भी सूची तैयार की जा रही है। सूत्रों के अनुसार कई पदाधिकारी ऐसे भी हैं जो 6 से लेकर 10 साल से संगठन के विभिन्न पदों पर बैठे हुए हंै। ऐसे में उनके स्थान पर नए चेहरों को आगे लाया जा सकता है। इसके साथ ही जिन नेताओं के पास 2-2 पद हैं, उन्हें भी एक पद से भारमुक्त किया जा सकता है। निष्क्रिय पदाधिकारियों पर मुख्यरूप से जल्द ही गाज गिर सकती है।

हार की होगी समीक्षा: राठौर

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने बीते दिन पत्रकार वार्ता कर चुनावी हार की समीक्षा करने की बात कही थी। उनका कहना था कि इसके तहत पार्टी प्रत्याशियों से भी रिपोर्ट मांगी गई है। राठौर के अनुसार जो कमियां सामने आएंगी, उनको सुधार कर संगठन को मजबूती देने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

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