नशे में फंसे युवाओं का हमदर्द बनेगी पुलिस, DGP बोले-केस नहीं बल्कि बुरी आदत छुड़वाएंगे

Edited By Simpy Khanna, Updated: 25 Dec, 2019 01:39 PM

police will become the sympathizer of the trapped youth

सूबे की युवा पीढ़ी को नशे की लत से निजात दिलाने के लिए प्रदेश पुलिस उनका हमदर्द बनकर काम करेगी। नशे के काले कारोबार को जड़ से मिटाने के लिए ड्रग फ्री एप लांच करजनता की सहभागिता भी सुनिश्चित की है।

शिमला (हेडली ) : सूबे की युवा पीढ़ी को नशे की लत से निजात दिलाने के लिए प्रदेश पुलिस उनका हमदर्द बनकर काम करेगी। नशे के काले कारोबार को जड़ से मिटाने के लिए ड्रग फ्री एप लांच करजनता की सहभागिता भी सुनिश्चित की है। बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए भी पुलिस हाईटैक हो रही है। प्रदेश पुलिस प्रमुख एस.आर.मरडी ने पंजाब केसरी से खास बातचीत में अभिभावकों को आश्वासन दिया कि यदि वे अपने बच्चे की नशे की आदत के बारे में पुलिस को जानकारी देते हैं तो पुलिस केस नहीं बनाएगी बल्कि पुलिस का यह प्रयास रहेगा कि ऐसे युवा की नशे आदत को छुड़वा कर उसे मुख्यधारा में शामिल किया जाए। 

उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने की भी अपील की। मरडी ने कहा कि अपने इलाके में नशा तस्करी की सूचना लोग हाल ही में लांच किए ड्रग फ्री हिमाचल ऐप में बेझिझक दे सकते हैं। सूचना देने वाले का नाम-पता या वेब एड्रेस का पुलिस को भी पता नहीं चलेगा। मरडी ने बार्डर इलाकों में बढ़ती नशा तस्करी के सवाल पर कहा कि सूबे की सीमाओं के साथ नाके लगाकर चौकसी बढ़ा दी गई है। ऐसे क्षेत्रों में रात के समय पैट्रोलिंग भी बढ़ाई है। नशा तस्करों की धरपकड़ जारी है। थाने-चौकियों में स्टाफ की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी कमी है, उसके हिसाब से तैनाती की जा रही है। पुलिस भर्ती प्रक्रिया भी जारी है। जल्द ही नए कांस्टेबलों की भर्ती की जाएगी। कानून व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि सूबे में अन्य राज्यों के मुकाबले दुष्कर्म व छेड़छाड़ के मामले काफी कम हैं। कत्ल के मामलों में भी पुलिस की चौकसी से काफी कमी आई है।

साइबर अपराधों से निपटने की हाईटैक तैयारी

डी.जी.पी. मरडी ने कहा कि बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रदेश पुलिस को हाईटैक किया जा रहा है। इसके लिए जरूरी आधुनिक उपकरण खरीदे रहे हंै। इन्हें विभिन्न थानों में लगाकर पुलिस मुख्यालय से जोड़ा जा रहा है। अधिकारियों व कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है, साथ ही आम लोगों को भी विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया में फेक जानकारी देने व अफवाहें फैलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए साइबर विंग के स्टाफ को स्पैशलाइज ट्रेनिंग दी जा रही है। ऐसे कई मामले सुलझाने में सफलता भी मिली है।

अवैध खनन से और सख्ती से निपटेंगे

अवैध खनन के मामले पर विपक्ष द्वारा पुलिस पर नरमी के लगाए आरोपों पर डी.जी.पी. ने ककहा कि ऐसा कतई नहीं है। अवैध खनन रोकने के लिए पुलिस खासी सक्रिय है। इस तरह का काम अधिकतर रात के समय किया जाता है। अवैध खनन में लिप्त कई लोगों की धरपकड़ की गई है। उनकी गाडिय़ों व जे.सी.बी. तक जब्त की गई हैं। आगामी समय में और सख्त कदम उठाए जाएंगे।

सीमांत क्षेत्रों में ऐसे मिटेगा कच्ची शराब का धंधा

प्रदेश पुलिस प्रमुख ने माना कि कि कुछ सीमांत क्षेत्रों में लोग अवैध रूप से कच्ची शराब बनाने का धंधा करते हैं। कुछेक कबाइली क्षेत्रों में यह धंधा चोरी-छिपे जारी है। पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती है लेकिन कुछ समय बाद ऐसे लोग यह धंधा फिर चालू कर देते हैं। मरडी ने कहा कि कोई और काम-धंधा ना होने के चलते लोग इस धंधे को दोबारा अपनाते हैं। ऐसे लोगों का पुनर्वास जरूरी है। उन्हें रोजी-रोटी कमाने के लिए किसी और काम से जोड़ा जाए। सरकार व समाजसेवी संगठन आगे आकर इनके बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा दिलवाएं। तभी ऐसे लोग इस धंधे को पूर्ण रूप से छोड़ेंगे। बाकी पुलिस तो अपना काम कर ही रही है।

भर्ती फर्जीवाड़े में हाथ लगे कुछ सुराग

इस साल कांगड़ा में सामने आए पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े को लेकर डी.जी.पी. मरडी ने कहा कि  पुलिस की तफ्तीश लगातार आगे बढ़ रही है। मामले के मास्टरमाइंड ने अपना मोबाइल व सिम बदल दिए हैं, लेकिन गुनहगार कब तक पुलिस से बच पाएगा। कुछ सुराग भी हाथ लगे हैं। जैसे ही हमारे हाथ कुछ और पुख्ता सबूत लगेंगे तो मास्टरमाइंड सलाखों के पीछे होगा।

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