कसौली गोलीकांड : पुलिस जंगल में करती रही तलाश, घर के नीचे छुपा रहा आरोपी

Edited By Vijay, Updated: 04 May, 2018 11:40 PM

police search in forest accused hidden under the house

नारायणी गैस्ट हाऊस में शूटआऊट की वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी विजय ठाकुर ने पूछताछ में बताया कि वह वारदात को अंजाम देने के बाद गैस्ट हाऊस के सामने की पहाड़ी से जंगल की ओर भागा। इसके बाद थोड़ी देर जंगल में छुपने के बाद वह वहां से घूमते हुए अपने घर...

सोलन: नारायणी गैस्ट हाऊस में शूटआऊट की वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी विजय ठाकुर ने पूछताछ में बताया कि वह वारदात को अंजाम देने के बाद गैस्ट हाऊस के सामने की पहाड़ी से जंगल की ओर भागा। इसके बाद थोड़ी देर जंगल में छुपने के बाद वह वहां से घूमते हुए अपने घर (नारायणी गैस्ट हाऊस) के नीचे आ गया और वहीं पर काफी देर तक छुपा रहा। इसके बाद वह शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर स्थित एक ढाबे में गया। फिर वहां से वह धर्मपुर रेलवे स्टेशन भी गया। ढाबे से धर्मपुर रेलवे स्टेशन कैसे पहुंचा, इसके बारे में उसने कुछ नहीं बताया है।


धर्मपुर से जीरकपुर पहुंचने पर उठे सवाल
आरोपी ने माना कि वह बस से दिल्ली पहुंचा लेकिन यह बस उसने पिंजौर से नहीं बल्कि जीरकपुर से ली थी। अब वह धर्मपुर से जीरकपुर कैसे पहुंचा इस पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि आरोपी की इन बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि वारदात को अंजाम देने के बाद पुलिस ने जंगल में उसकी तलाश शुरू कर दी थी। नारायणी गैस्ट हाऊस के आसपास पुलिस का पहरा कड़ा था। जंगल से घूम कर वहां पर पहुंचना भी आसान नहीं था। जिस ढाबे में जाने की वह बात कर रहा है, पुलिस ने वहां पर भी आरोपी के बारे में पूछताछ की थी। वहीं दूसरी ओर पुलिस आरोपी की तलाश में 2 दिनों तक जंगलों की खाक छानती रही और आरोपी उसी रात दिल्ली की ओर निकल गया था।


पिंजौर से बस में बैठा था आरोपी
पुलिस की अभी तक की जांच आरोपी के इस बयान के विपरीत है। पुलिस का कहना है कि आरोपी पिंजौर से चिडग़ांव से चंडीगढ़ की ओर जा रही रोहड़ू बस में बैठा था, वहीं से ही वह दिल्ली से होते हुए मथुरा पहुंच गया। पुलिस ने चंडी मंदिर में लगे सी.सी.टी.वी. फुटेज के आधार पर इस बस को ट्रेस किया था। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद वीरवार को एस.पी. सोलन मोहित चावला ने भी यही बताया था कि चंडी मंदिर में लगे सी.सी.टी.वी. फुटेज खंगालने के बाद वहां से सुबह करीब 3.50 पर चिडग़ांव से चंडीगढ़ की ओर जा रही बस में आरोपी पिंजौर से बैठा था। बस के कंडक्टर को उसकी फोटो दिखाने के बाद उसने उसे पहचान लिया। इसके बाद पुलिस उसे दिल्ली पुलिस की मदद से गिरफ्तार करने में कामयाब रही।


पिंजौर कैसे पहुंच गया आरोपी?
पुलिस की जांच को सही माना जाए तो सवाल खड़ा होता है कि आरोपी कसौली के जंगलों से छुपता- छुपता पिंजौर कैसे पहुंच गया। हालांकि पुलिस आरोपी को रिमांड में लेने के बाद उससे सच को उगलवा लेगी। सूत्रों की मानें तो पुलिस का यह भी मानना है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी को किसी ने पिंजौर तक पहुंचाने में मदद जरूर की है। आरोपी ने शुरूआती पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह वारदात के बाद धर्मपुर रेलवे स्टेशन भी गया था। इससे ऐसा लग रहा कि शिमला से कालका की ओर जाने वाली अंतिम या इससे पहले की किसी ट्रेन से कालका पहुंच गया हो।


डंगे में छुपाई रिवाल्वर बरामद
गोलीकांड के आरोपी विजय ठाकुर ने अपने घर के पास ही एक डंगे के अंदर अपनी रिवाल्वर छुपाई हुई थी, जिसे पुलिस ने शुक्रवार को बरामद कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम के साथ मौजूद आरोपी विजय ठाकुर ने अपनी माता नारायणी देवी के साथ इशारों-इशारों में बातचीत भी की। दोनों ने एक-दूसरे से उसका हालचाल पूछा। ऐसा तब हुआ जब पुलिस उसे घटना को लेकर जानकारी हासिल करने के लिए उसके घर के पास ले गई।


वृंदावन में बंदरों ने किया आरोपी पर हमला
आरोपी विजय ठाकुर पर वृंदावन में बंदरों ने हमला कर दिया था। इस हमले में उसके कपड़े भी फट गए। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने वृंदावन में ही नए कपड़े खरीदे थे। वारदात के समय पहने कपड़े कहां फैंक दिए, इस बारे अभी कोई जानकारी नहीं दी है। बस इतना बताया है कि कपड़े बंदरों के हमले के कारण फट गए थे। सूत्रों का कहना है कि उसके शरीर पर बंदरों के काटने का कोई निशान नहीं है। ऐसा लग रहा है कि आरोपी ने अपने पुराने कपड़े वृंदावन में ही फैंक दिए हैं।


51 हजार रुपए साथ ले जाने की बात भी आई सामने
विजय ठाकुर की जेब खाली नहीं थी बल्कि उसकी जेब में 51 हजार रुपए थे लेकिन जेब रास्ते में ही कट गई। इससे स्पष्ट है कि वह अपने साथ इतना पैसा लेकर गया था जिससे कुछ दिन वह आराम से काट सकता था। जेब कटने के बाद वह पैसे का जुगाड़ कर वृंदावन पहुंच गया। हो सकता है कि उसने वहां पर अपने ए.टी.एम. से पैसा निकाला हो, जिसके कारण पुलिस को उसके वृंदावन में मौजूद होने का क्लू मिल गया हो।


बार-बार बयान बदल रहा आरोपी
ए.एस.पी. डा. शिव कुमार ने कहा कि आरोपी ने रिवाल्वर अपने घर के पास डंगे में छुपाई थी। रात के समय वह वहां आ गया था और हथियार छिपाने के बाद वह वहीं छुपा रहा। आरोपी बार-बार बयान बदल रहा है। कभी वह टैक्सी में जाने की बात कर है तो कभी कुछ और बोल रहा है। पुलिस हर पहलू को ध्यान में रख कर जांच कर रही है।

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