Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Jan, 2018 10:32 PM
औद्योगिक नगरी के केंदुवाल में लगभग 70 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित सी.ई.टी.पी. प्लांट की कार्यप्रणाली से क्षेत्रवासियों का जीना मुहाल हो गया है।
बद्दी: औद्योगिक नगरी के केंदुवाल में लगभग 70 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित सी.ई.टी.पी. प्लांट की कार्यप्रणाली से क्षेत्रवासियों का जीना मुहाल हो गया है। क्षेत्र की सरसा नदी में दिनोंदिन बढ़ते प्रदूषण से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। सी.ई.टी.पी. के आऊटलेट द्वारा सरसा नदी में छोड़े जा रहे ट्रीटेड पानी से निकल रही झाग व बदबू से सी.ई.टी.पी. की कार्यप्रणाली पर स्वयं ही सवाल उठ रहे हैं। सी.ई.टी.पी. के आसपास सरेआम सरसा नदी में जहर घुल रहा है।
जल स्रोत पूरी तरह से दूषित
सरसा नदी के आसपास के जल स्रोत पूरी तरह से दूषित हो गए हैं। लोगों ने कुओं, बावडिय़ों व अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों का पानी पीना छोड़ दिया है। क्षेत्र की सरसा नदी में उद्योगों के दूषित पानी को शुद्ध करने के मकसद से केंद्र व राज्य सरकार ने संयुक्त तौर पर सी.ई.टी.पी. की स्थापना की थी लेकिन बावजूद इसके सरसा नदी में घुल रहे जहरीले पानी का हाल ज्यों का त्यों बना हुआ है।
गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे लोग
केंदुवाल, बेरियां, निचला मलपुर, भुड्ड व संडोली क्षेत्र के लोगों पूर्व ब्लाक समिति सदस्य सोमनाथ, पंच रामपाल, श्याम लाल, बलवीर सिंह, यादविंद्र सिंह, नच्छत्र, सोनू पंडित, हेमराज, राजकुमार, तरसेम लाल, हंसराज धीमान, जवाहर लाल व राजकुमार शर्मा ने कहा कि वायु, ध्वनि व जल प्रदूषण से उनका घरों में रह पाना मुश्किल हो गया है। सी.ई.टी.पी. के संचालन की जांच रामभरोसे है। लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। लोगों की समस्याओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।