Edited By kirti, Updated: 02 Oct, 2019 05:21 PM
हिमाचल प्रदेश के उद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां स्वारघाट रोड पर महादेव खंड के समीप निर्मित शिव शंकर गौशाला की लगभग सैकड़ों गोवंश जहरीला घास खाने के बाद एक-एक कर मरने लगी है। जिनकी गिनती दर्जनों में पहुंच...
नालागढ़(आदित्य): हिमाचल प्रदेश के उद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां स्वारघाट रोड पर महादेव खंड के समीप निर्मित शिव शंकर गौशाला की लगभग सैकड़ों गोवंश जहरीला घास खाने के बाद एक-एक कर मरने लगी है। जिनकी गिनती दर्जनों में पहुंच चुकी है और साथ ही आस-पास के गांव के कुछ लोगों के भी मवेशी जहरीला घास खाने के कारण मर चुके हैं। वहीं गौशाला के प्रधान दौलतराम का कहना है कि उनकी गौशाला में तकरीबन 700 के करीब गोवंश है।
जिनमें से तकरीबन 100 के करीब गोवंश गौशाला से बाहर चरने के लिए लेजाई जाती है। उन्होंने कहा कि किसी शरारती तत्व द्वारा घास में जहरीला पदार्थ छिड़का गया है। इस दौरान जैसे ही 2 मवेशियों ने घास खाई तो उनकी तबीयत खराब होने लगी और वह मौक पर ही मृत हो गई। जबकि 3 रास्ते में दो गाय गौशाला में उपचार के दौरान मर गई। उन्होंने कहा कि गौशाला प्रबंधकों द्वारा तुरंत सरकारी अस्पताल से डॉक्टरों को बुलाया गया और मवेशियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। वहीं प्रधान ने बताया कि आसपास के गांव के भी कई मवेशी जहरीला घास खाने से मरे हैं।
उन्होंने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि जिस भी व्यक्ति द्वारा यह जहरीला पदार्थ घास में मिलाया गया था उसकी छानबीन होनी चाहिए। साथ ही आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। वही देखा जाए तो हिमाचल सरकार अपने भाषणों में हिमाचल को जैविक खेती की ओर बढ़ावा देने की बात तो करती हैं, मगर जमीनी स्तर पर लोगों में सही जागरूकता ना होने के कारण आज भी जहरीले पदार्थ और जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल फसलों को उगाने के लिए किया जा रहा है।
अगर सरकार द्वारा जल्दी इस और कड़े कदम नहीं उठाए गए तो मवेशियों के साथ-साथ आने वाले समय में लोगों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है अब देखना है कि सरकार सिर्फ भाषणों तक ही सीमित है या जमीनी स्तर पर भी योजनाओं को लागू करवा पाते हैं।