PM को बुलाने की बजाए इन्वेस्टर मीट का ब्लू प्रिंट तैयार करे सरकार: बाली

Edited By Ekta, Updated: 28 Oct, 2018 12:44 PM

pm to call instead to a blueprint for investors meets government bali

पूर्व परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने कहा है कि सरकार धर्मशाला की इन्वेस्टर मीट में प्रधानमंत्री को बुलाने की बजाए प्रदेश में निवेश के क्षेत्रों का ब्लू प्रिंट तैयार करें। रविवार को ऊना में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ...

ऊना (सुरेन्द्र): पूर्व परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने कहा है कि सरकार धर्मशाला की इन्वेस्टर मीट में प्रधानमंत्री को बुलाने की बजाए प्रदेश में निवेश के क्षेत्रों का ब्लू प्रिंट तैयार करें। रविवार को ऊना में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा के पास अपने 2 पूर्व अनुभवी मुख्यमंत्री हैं, इसके अतिरिक्त कई आला ब्यूरोक्रेटस हैं उनसे भी परामर्श कर कोई बेहतर विकल्प की तलाश की जा सकती है। उन्होंने कहा कि निवेशक एक अच्छा परिवेश चाहते हैं और यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि उन्हें भयमुक्त और निवेश हितैषी परिवेश उपलब्ध करवाए। 

सरकारी के पास अभी तक कोई भी न तो एजेंडा है और न ही कोई ब्लू प्रिंट है जिसके आधार पर वह प्रदेश को आगे बढ़ाने का काम कर सके। राज्य में साढ़े 10 लाख से अधिक बेरोजगारों की संख्या पहुंच चुकी है। यह सबसे बड़ी विकराल समस्या बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इस भयंकर समस्या को हल करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। बाली ने कहा कि इस समय प्रदेश में स्थिति बेहतर नहीं है। 45 हजार करोड़ से अधिक कर्जे में प्रदेश डूबा हुआ है। सरकार एक साल में ही 3000 करोड़ कर्ज ले चुकी है। प्रदेश में सीमेंट महंगा और पंजाब में सस्ता है। प्रदेश के लोगों को बिजली महंगी मिल रही है जबकि बाहर सस्ती बेची जा रही है। ऐसा नहीं लगता कि सरकार नाम की कोई चीज दिखाई दे रही है। सरकार में विजन भी नहीं दिख रहा है। 

मंत्रीमंडल में कई निर्णय हो रहे हैं लेकिन वह धरातल पर नहीं उतरते। बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की बजाए रोजगार में लगे लोगों को भत्ता देने की बात सरकार कर रही है। सरकार को ऐसे प्रयास करने चाहिए कि सभी को रोजगार मिले। बाली ने कहा कि न तो हमीरपुर तक रेल पहुंची, न ऊना में पी.जी.आई. सेटेलाइट सेंटर बना, न एम्स बना, न ट्रिपल आई.टी. पर कोई कार्य हुआ और न ही सेंट्रल स्कूल पर प्रदेश सरकार कोई कार्य कर पाई। केंद्र सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला है। आगे क्या स्थिति होगी यह कहना मुश्किल है लेकिन सरकार कोई भी काम पूरा नहीं कर पाई है। नैशनल हाइवे घोषित तो किए गए लेकिन धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं देता है। बाली ने सरकार को सलाह दी कि सरकार एक टास्क फोर्स का गठन करे जो तमाम योजनाओं की समीक्षा करे। 

मुख्यमंत्री हर माह इसकी प्रगति रिपोर्ट लें ताकि प्रदेश में तरक्की हो सके। अभी तक विकास पूरी तरह से ठप है और एक वर्ष के बाद भी कोई उपलब्धियां सरकार के पास नहीं हैं। प्रदेश में माफिया राज को खत्म करने की बात करने वाले अब खुद ही माफिया के पोषक बन गए हैं। बाली ने कहा कि ऊना जिला में अवैध खनन एक रिवाज बन गया है और खनन माफिया बेलगाम हुआ है। सरकार को चाहिए कि खनन के नियमों में बदलाव करे। लोगों को लीज दी जाए ताकि अवैध गतिविधियों पर रोक लग सके। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से ऊना में पुलिस खनन के खिलाफ अच्छा काम कर रही है। प्रदेश भर में ऐसी ही कार्रवाई की जानी चाहिए। 

बाली ने कहा कि प्रदेश सरकार एच.आर.टी.सी. का बेड़ा गर्क करने का फैसला कर चुकी है और लगातार इस तरह के कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किराए बढ़ाए लेकिन निगम का रैवन्यू बढ़ने की बजाए कम हो गया है। सब्सिडी को निजी बस ऑपरेटर्ज ने किराए में एडजस्ट किया है और निगम के मुकाबले कर किराया ले रहे हैं। ऐसे में निगम की बसों में यात्री कम हो गए हैं और प्राइवेट बसों की आमदनी बढ़ी है। शिमला का नाम बदले जाने के सवाल पर बाली ने कहा कि शिमला का नाम हिस्टोरिकल ही नहीं बल्कि हर तौर पर भी महत्वपूर्ण है। एक क्लिक पर शिमला पर्यटन की दृष्टि से मैप पर मिल जाता है लेकिन श्यामला कहीं नहीं मिलेगा जिससे शिमला को नुक्सान होगा। यह केवल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है। 

उन्होंने कहा कि सरकार के पास और भी कई काम है करने के लिए। ऐसे में फालतू विषयों में ध्यान लगाने की बजाए काम पर ध्यान सरकार को लगाना चाहिए। कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष को बदले जाने की एक धड़े द्वारा की जा रही मांग के सवाल पर जी.एस. बाली ने कहा कि निश्चित रूप से कांग्रेस में इस बात को लेकर दबाव और मंथन चला हुआ है। सुक्खु का कार्यकाल भी पूरा होने वाला है। यह तो राहुल गांधी ही तय करेंगे कि प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा। क्या चुनावों से पहले फैसला होगा या बाद में यह तय होना बाकी है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष कौन हो सकता है इस पर भी तलाश चली हुई है। कांगड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर बाली ने कहा कि पार्टी ही यह फैसला करेगी कि प्रत्याशी कौन होगा। फिलहाल उन्होंने खुद इस पर कोई मंथन नहीं किया है। 

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