Edited By Ekta, Updated: 04 Nov, 2018 11:28 AM
चंबा जिला के ककीरा में केहला गांव में एक गरीब परिवार शासन-प्रशासन की बेरुखी का शिकार हो रहा है। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार हर गरीब के सिर छत मुहैया कराने के लिए आवास योजनाएं चला रही है। दूसरी तरफ ये परिवार मुफलिसी के आलम में लगातार तंगहाली में...
चंबा (अमृतपाल): चंबा जिला के ककीरा में केहला गांव में एक गरीब परिवार शासन-प्रशासन की बेरुखी का शिकार हो रहा है। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार हर गरीब के सिर छत मुहैया कराने के लिए आवास योजनाएं चला रही है। दूसरी तरफ ये परिवार मुफलिसी के आलम में लगातार तंगहाली में गुजर-बसर करने को मजबूर है। पूजा देवी के पति की दो साल पहले मौत हो चुकी है। दो छोटे बच्चे, सास और देवर के साथ इस जर्जर घर में वो मुश्किल हालातों से जूझ रही है और परिवार के लिए आय का कोई जरिया भी नहीं है। दिनभर मेहनत-मजदूरी करके जो कुछ बनता है, वो खान-पान में ही खर्च हो जाता है।
घर की हालत ऐसी हो चुकी है कि यहां रहना खतरे से खाली नहीं है। इसे हम परिवार की मजबूर कहें या फिर बदकिस्मती, जहां भी ये मदद मांगने के लिए जाते हैं, वहां इन्हें मायूसी ही हाथ लगती है। सुना आपने, इस अबला की दर्दभरी दास्तान को, जो इन हालातों में भी फौलाद की तरह डटे हुए हैं और अपने परिवार के लिए अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रही है। पूजा देवी के सामने परिवार को चलाना मुश्किल है। पूजा देवी के साथ उसके देवर ने भी काफी कोशिशें की है, लेकिन कहीं भी गरीब परिवार की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
ये है सरकारी योजनाओं का रोना, जहां भाई-भतीजावाद, अपना-पराया के फेर में गरीब शख्स हमेशा हाशिये पर रखा जाता है। योजनाओं के नाम पर सरकारें नई-नई घोषणाएं करके राजनीति तो खूब करती है। मगर साहब ज़रा इस गरीब परिवार पर भी नजर-ए-इनायत कीजिए, जिनका मकान आज मरम्मत को तरस रहा है, लेकिन पैसों की कमी से वो इसे दुरुस्त कराने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।