हिमाचल में वन टाइम इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक कटलरी पर लगा प्रतिबंध

Edited By Vijay, Updated: 22 Sep, 2019 10:49 PM

plastic cutlery ban in himachal

पॉलीथीन व थर्मोकोल के बाद सरकार ने प्लास्टिक कटलरी के इस्तेमाल पर भी पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया है। प्लास्टिक से बने चम्मच, कांटे, कटोरी, स्ट्रा, फूड सर्विंग स्पून व चाकू सहित अन्य उत्पादों का इस्तेमाल अपराध की श्रेणी में आएगा।

शिमला (देवेंद्र हेटा): पॉलीथीन व थर्मोकोल के बाद सरकार ने प्लास्टिक कटलरी के इस्तेमाल पर भी पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया है। प्लास्टिक से बने चम्मच, कांटे, कटोरी, स्ट्रा, फूड सर्विंग स्पून व चाकू सहित अन्य उत्पादों का इस्तेमाल अपराध की श्रेणी में आएगा। दुकानदारों को इसका स्टाक 3 महीने में खत्म करना होगा। तय समय के बाद यदि कोई व्यक्ति सरकारी व निजी संस्थान सहित अन्य प्रतिष्ठान इनका इस्तेमाल करते पाया गया तो उन्हें हिमाचल प्रदेश नॉन-बायोडिग्रेडेबल गारबेज (कंट्रोल) एक्ट -1995 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। इसे लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आरडी धीमान ने आदेश जारी कर दिए हैं।

25,000 रुपए जुर्माने तक का प्रावधान

सरकार ने अधिकतम 25,000 रुपए जुर्माने तक का प्रावधान भी कर दिया है। इन पर प्रतिबंध लगाने के पीछे सरकार का तर्क है कि प्लास्टिक कटलरी के कारण पर्यावरण को काफी नुक्सान हो रहा है। हालांकि सरकार ने प्लास्टिक कटलरी बनाने वाले उद्योगों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश में इनका निर्माण पहले की तरह चलता रहेगा लेकिन यह उद्योग प्लास्टिक कटलरी अन्य राज्यों को बेचेंगे।

कितना प्लास्टिक मिलने पर कितना लगेगा जुर्माना

  ग्राम/किलोग्राम

  रुपए
 100 ग्राम तक   500
 101-500 ग्राम तक  1,500
 501 ग्राम से 1 किलोग्राम तक  3,000
 1 से 5 किलोग्राम तक                   10,000
 5 से 10 किलोग्राम तक                20,000
 10 किलोग्राम से ज्यादा                  25,000


इसी तरह सरकारी व निजी संस्थानों, होटल, रैस्टोरैंट, ढाबा व उद्योगों इत्यादि द्वारा सड़क, जंगल में प्लास्टिक कटलरीफैंकने पर 5,000 रुपए जुर्माना भरना होगा।

हिमाचल ने कब-कब किन-किन चीजों पर लगाया प्रतिबंध

राज्य सरकार ने बीते साल ही पर्यावरण दिवस पर 5 जून को थर्मोकोल से बने कप, गिलास व प्लेट्स पर रोक लगाई थी। इसके एक सप्ताह बाद सरकार ने सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक बोतलों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया। एक जनवरी, 1999 को रंगीन पॉलीथीन के बैग व थैलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया। 14 जून, 2004 को 70 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथीन के थैलों पर रोक लगाने वाला देश का पहला राज्य बना। इसके लिए हिमाचल को 2011 में प्राइम मिनिस्टर अवार्ड से नवाजा गया। 2 अक्तूबर, 2009 को गांधी जयंती के अवसर पर प्लास्टिक के थैलों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया गया। जुलाई 2013 में पॉलीथीन में पैक्ड कुरकुरे, चिप्स व नमकीन जैसे 21 खाद्य पदार्थों की बिक्री पर भी रोक लगाई। इसका कारोबारियों ने जबरदस्त विरोध किया। अब यह मामला देश की शीर्ष अदालत में विचाराधीन है।

हिमाचल में हर रोज पैदा होता है इतना प्लास्टिक कचरा

हिमाचल में लगभग 2 टन प्लास्टिक कचरा रोजाना पैदा होता है। इसमें से केवल 0.02 टन यानी 200 किलो ग्राम प्लास्टिक कचरा ही उचित रूप से निष्पादित होता है। लगभग 300 किलो पुन: चक्रण में जाता है। 250 से 400 किलोग्राम सीमैंट उद्योग में ईंधन के रूप में जलाया जाता है।

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