Edited By Simpy Khanna, Updated: 18 Oct, 2019 01:26 PM
13 शताब्दी पुराने बिलासपुर नगर के कुछ मंदिरों को नए बिलासपुर नगर में पुनर्स्थापित करने की योजना अभी भी अधर में लटकी हुई है। केंद्रों को विस्थापितों के लिए बसाए गए नए बिलासपुर नगर में पुनर्स्थापन करने की मांग करने पर हिमाचल सरकार ने तब पूर्व...
बिलासपुर (राम सिंह): 13 शताब्दी पुराने बिलासपुर नगर के कुछ मंदिरों को नए बिलासपुर नगर में पुनर्स्थापित करने की योजना अभी भी अधर में लटकी हुई है। केंद्रों को विस्थापितों के लिए बसाए गए नए बिलासपुर नगर में पुनर्स्थापन करने की मांग करने पर हिमाचल सरकार ने तब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया था और केंद्र सरकार द्वारा इस मांग को स्वीकार करते हुए इसे पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया था।
इसके अलावा इन्हें नए बिलासपुर नगर में वैसे के वैसे स्थापित करने के लिए प्राथमिक स्तर पर डेढ़ करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत की गई थी। पुराने नगर से विस्थापित हुए मनमोहन भंडारी, ओंकार कौशल, ओ.पी. गर्ग, मुकंद लाल शर्मा, ओंकार कपिल, जगदीश नड्डा और जय कुमार कहते हैं कि पुराने बिलासपुर नगर को गोबिंद सागर के पानी में डूबते और फि र हर वर्ष कुछ समय के लिए बाहर निकलते प्राय: 60 वर्ष हो गए हैं पर केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा इस योजना को अपने हाथ लिए कोई 20 वर्ष बीत चुके हैं किन्तु यह मामला जस की तस है और इस पर एक इंच भी प्रगति धरातल पर नहीं हो पाई है।
नागरिकों का कहना है कि इस बीच केंद्रीय विशेषज्ञों को पुनर्स्थापन के लिए कई अन्य स्थान भी जिला प्रशासन ने दिखाए लेकिन कई बहानों से उन्हें भी रद्द कर दिया गया। अब काला बाबा कुटिया के पास नगर के रौड़ा सैक्टर के ऊपरी स्थल पर इसके लिए पिछले कोई 5 वर्ष से भूमि चयन करने के बाद विशेषज्ञों द्वारा भूमि स्वीकृत की जा चुकी है लेकिन इतने लंबे समय में भी यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है। इन सभी वरिष्ठ नागरिकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और सांसद अनुराग ठाकुर से आग्रह किया है कि वे इस मामले को अपने स्तर पर उठाएं और कम से कम समय में बिलासपुर के लाखों लोगों के इन पूजा, श्रद्धा व आस्था के स्थलों के नए बिलासपुर नगर में पुनर्स्थापन का कार्य शीघ्र आरंभ करवाया जाए।
उधर, इस बारे में डी.सी. बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने बताया कि स्थल का चयन कर लिया गया है और एक्सप्रैशन औफ इंट्रैस्ट (ई.ओ.आई.) आमंत्रित किए गए थे, जिसमें 2 ई.ओ.आई. प्राप्त हुए हैं, जबकि कुछ दिन पूर्व ही इनका प्रस्तुतीकरण भी हुआ है और अब राज्य स्तर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग आगामी कार्रवाई कर रहा है तथा सरकार इसके लिए गंभीर है। जिला भाषा एवं संस्कृति अधिकारी नीलम चंदेल ने बताया कि विभाग इस बारे सक्रिय कदम उठा रहा है और गोबिंद सागर का पानी उतरने पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।