Edited By Ekta, Updated: 06 May, 2018 02:05 PM
चीड़ के पेड़ों से निकलने वाली पतियां अब जंगल में बर्बाद नहीं होगी, क्योंकि इसकी पत्तियों का प्रयोग अंबुजा कंपनी करेगी। इसको खरदीने के लिए बाकायदा इसके लिए वन विभाग के साथ सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है जिससे अब वनों में बेकार पड़ी रहने वाली चीड़...
हमीरपुर (अरविंदर): चीड़ के पेड़ों से निकलने वाली पतियां अब जंगल में बर्बाद नहीं होगी, क्योंकि इसकी पत्तियों का प्रयोग अंबुजा कंपनी करेगी। इसको खरदीने के लिए बाकायदा इसके लिए वन विभाग के साथ सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है जिससे अब वनों में बेकार पड़ी रहने वाली चीड़ की पत्तियों का प्रयोग अंबुजा कंपनी करेगी। इसकी पतियां चिलारू के कंपनी द्वारा खरीदे जाने पर फायर सीजन में आगजनी की घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।
विभाग ने कंपनी के साथ बैठककर इस पर सहमति बनाई है। बहुत जल्द वह उसके उच्चाधिकारियों से मीटिंग कर कीमत तय करेगा। आगामी माह से वनों में गिरने वाली चीड़ की पत्तियों की नीलामी होगी। वन क्षेत्र को गर्मियों में आगजनी से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। अगर सूखी पत्तियां नहीं होंगी तो उससे नुकसान की संभावना भी कम हो जाएगी। विभाग हमीरपुर डीएफओ प्रीति भंडारी ने बताया कि अंबुजा के साथ विभाग का इसकी पत्तियां चिलारू खरीदने के लिए करार हुआ है। उल्लेखनीय है कि हमीरपुर में ही सैकड़ों मामले वन क्षेत्र में आगनी के सामने आए हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए अब विभाग ने कंपनी से करार किया है। उन्होंने भी विभाग के इस प्रपोजल को स्वीकार कर लिया है। अकसर सूखा चिलारू होने के कारण ही आग भयंकर रूप धारण करती है। इस कारण पेड़ पौधे भी चपेट में आकर राख हो जाते हैं।