दवा निर्माता कंपनियां प्रतिबंधित 328 दवाओं का बाजार से रिकॉल करें स्टॉक

Edited By Ekta, Updated: 18 Sep, 2018 12:08 PM

pharmaceutical manufacturers refuse to sell 328 drugs from the market

केंद्र सरकार के प्रतिबंध के बाद 328 दवाओं के स्टॉक को बाजार से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ड्रग विभाग ने दवा निर्माता कंपनियों को इन दवाओं के बाजार में मौजूद स्टॉक को रिकॉल करने के आदेश दिए हैं। इनमें से कई दवाओं का उत्पादन बी.बी.एन. सहित...

सोलन (पाल): केंद्र सरकार के प्रतिबंध के बाद 328 दवाओं के स्टॉक को बाजार से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ड्रग विभाग ने दवा निर्माता कंपनियों को इन दवाओं के बाजार में मौजूद स्टॉक को रिकॉल करने के आदेश दिए हैं। इनमें से कई दवाओं का उत्पादन बी.बी.एन. सहित प्रदेेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी होता है। इन दवाओं पर प्रतिबंध लगने से करीब 6 हजार ब्रांड के प्रभावित होने की संभावना है। इन दवाओं का स्टाक बाजार से हटाना इतना आसान नहीं है और इसमें वक्त लगेगा। यहां पर विदित रहे स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से 328 फिक्स्ड डोज कम्बिनेशन दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी। 

इस प्रतिबंध के बाद दर्द निवारक सारिडॉन, त्वचा क्रीम पांडर्म, संयोजन मधुमेह की दवा ग्लुकोनॉर्म पी.जी., एंटीबायोटिक ल्यूपिडिक्लोक्स और एंटीबैक्टीरियल टैक्सिम एजेड जैसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है। इन दवाओं का लोगों की सेहत पर गलत असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने 10 मार्च 2016 को इन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन इन दवाओं के उत्पादकों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में अपील की थी। 

15 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स तकनीकी सलाहकार बोर्ड से मामले की गई जांच की रिपोर्ट मांगी थी। बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 328 एफ.डी.सी. दवा का किसी तरह का चिकित्सीय औचित्य नहीं है। यह लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। बोर्ड ने इन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। इन दवाओं पर प्रतिबंध लगने से राज्य ड्रग विभाग भी एक्शन में है। विभाग ने सभी दवा निर्माता कंपनियों को अपना स्टॉक रिकॉल करने के आदेश दे दिए हैं। 

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