Edited By Vijay, Updated: 08 Jun, 2019 03:50 PM
सात समंदर पार United Kingdom के एक विश्वविद्यालय से आईं पी.जी.सी.ई. की रिसर्चर लिंडसे इन दिनों सुंदरनगर के साकार स्कूल में विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का काम रही हैं। लिंडसे ने कहा कि सुंदरनगर में विशेष बच्चों के साकार स्कूल में उन्हें बहुत कुछ...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): सात समंदर पार United Kingdom के एक विश्वविद्यालय से आईं पी.जी.सी.ई. की रिसर्चर लिंडसे इन दिनों सुंदरनगर के साकार स्कूल में विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का काम रही हैं। लिंडसे ने कहा कि सुंदरनगर में विशेष बच्चों के साकार स्कूल में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला जबकि वह उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई तरह के प्रोजैक्ट शुरू करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि गूगल पर सर्च होकर साकार स्कूल का नाम United Kingdom के एक विश्वविद्यालय में गूंजा है लेकिन हिमाचल सरकार इस संस्थान को एक पैसे का योगदान नहीं दे रही है जबकि United Kingdom में सरकारी तौर पर मानसिक तौर पर अविकसित बच्चों को वे सभी सुविधाएं दी जाती हैं, जिनके वे हकदार हैं।
साकार संस्था की टीम को सराहा
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार को ऐसे संस्थानों की हरसंभव मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में उनसे जितना हो सकेगा वह साकार स्कूल के विशेष बच्चों के लिए करेंगी। उन्होंने साकार संस्था की अध्यक्ष शीतल शर्मा और उनकी टीम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने जिस उम्मीद और लगन से यह स्कूल चलाया है, उससे उसकी तरक्की हो रही है। उन्होंने कहा कि जो भी तकनीकी मदद की जरूरत होगी वह उसे प्रयास करके उपलब्ध करवाएंगी।