Edited By Simpy Khanna, Updated: 31 Aug, 2019 04:31 PM
सरकार भले ही शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने और छात्रों को आधारभूत सुविधाएं देने के दावे करे लेकिन धरातल पर स्थिति इसके विपरीत ही है। जिला मुख्यालय में पी.जी. कालेज व डाईट संस्थान जैसे बड़े संस्थानों में पढऩे वाले ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को...
नाहन(साथी) : सरकार भले ही शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने और छात्रों को आधारभूत सुविधाएं देने के दावे करे लेकिन धरातल पर स्थिति इसके विपरीत ही है। जिला मुख्यालय में पी.जी. कालेज व डाईट संस्थान जैसे बड़े संस्थानों में पढऩे वाले ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को आज भी होस्टल की सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। यह अलग बात है कि दोनों संस्थानों के प्रबंधन इस मामले में अपने तर्क रखते हैं लेकिन छात्र होस्टल की सुविधा न मिलने से परेशान हैं और शहर में किराए की ऊंची दरों पर कमरे लेकर रहने के लिए विवश हैं।
20 वर्ष से नहीं मिली सुविधा पी.जी. कालेज नाहन के छात्र पिछले 20 साल से होस्टल की सुविधा से महरूम हैं। दशकों पहले विला राऊंड में ब्वायज होस्टल चल रहा था लेकिन इमारत के जर्जर होने के बाद करीब 20 साल पहले इमारत को असुरक्षित घोषित कर दिया गया। विला राऊंड में आज भी इस इमारत के खंडहर मौजूद हैं। कालेज प्रबंधन के अनुसार असुरक्षित इमारत की भूमि रिकार्ड के अनुसार शिक्षा विभाग की नहीं है। पी.जी. कालेज भवन निर्माण होने के बाद सरकार से होस्टल व आवासीय भवन बनाने के लिए बजट और भूमि मांगी गई है। फिलहाल ब्वायज होस्टल काम नहीं कर रहा है।
कालेज प्रबंधन के अनुसार अगर सरकार ब्वायज होस्टल को बनाने की अनुमति, बजट व जमीन उपलब्ध करवाए तो कम से कम 100 छात्र आसानी से यहां रहने के लिए मिलेंगे। अमर बोर्डिंग हाऊस के साथ गल्र्ज होस्टल की नई इमारत एक दशक पहले तैयार हुई थी, जिसमें पी.जी. कालेज में पढऩे वाली छात्राओं को रहने की सुविधा दी गई है। उधर, पी.जी. कालेज की रियासत काल में बनी अमर बोॄडग हाऊस की इमारत सालों से खस्ताहाल है। पहले यहां गल्र्ज होस्टल चल रहा था। अब वर्तमान में इस इमारत में छात्राओं के लिए जिम, स्टोर व ऑफिस चलाया जा रहा है लेकिन यह इमारत दिनोंदिन खस्ताहाल हो रही है। सरकार इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए चुप्पी साधे हुए है।