Edited By kirti, Updated: 24 Jun, 2018 12:17 PM
शहरों और बड़े-बड़े महलों में बैठकर गांव की खुशहाली की बातें करके मीडिया में सुर्खिया बटोरने वाले लोग जरा खनियारा के कटुई, नड्डी, खड़ौता व थातरी गांव के लोगों की समस्याओं पर गौर करें। धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र की सोकनी दा कोट पंचायत में पडऩे वाले...
धर्मशाला(जिनेश) : शहरों और बड़े-बड़े महलों में बैठकर गांव की खुशहाली की बातें करके मीडिया में सुर्खिया बटोरने वाले लोग जरा खनियारा के कटुई, नड्डी, खड़ौता व थातरी गांव के लोगों की समस्याओं पर गौर करें। धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र की सोकनी दा कोट पंचायत में पडऩे वाले गांव के लोग लगभग 7 दशकों के बावजूद भी कागजातों में अपने घर ढूंढ रहे हैं। यहां तक की रास्ते, पानी व घर में मीटर लगाने के लिए भी स्पेशल परमीशन लेनी पड़ती है। वहीं स्कूली छात्रों का कहना है कि उन्हे स्कूल से मिलने वाली सुविधाओं से भी कागजी झंझट के कारण वंचित रहना पड़ता है।
इतना ही नहीं रास्ता बनाने के लिए भी उच्च प्रशासन द्वारा कागजातों की मांग की जाती है लेकिन राजस्व विभाग उन्हे कागजात उपलब्ध करवाने से मना कर देता है। गांववासी कहते हैं कि वे लम्बे समय से बिना परेशानी से रह रहे थे लेकिन जब से वन विभाग ने उन्हे नोटिस जारी किए हैं तब से ही वे परेशानी का सामना कर रहे हैं। पंचायत में तो उनका नाम है लेनिक राजस्व विभाग में उनका नाम ही नहीं है। बैंक से लोन लेने से लेकर अपना कोई भी कारोबार खोलने को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। नड्डी से आने वाले स्कूली विद्यार्थियों का कहना है कि हमारा नाम राजस्व विभाग में दर्ज नहीं हैं। इसलिए हमे पटवारी से पर्चे की मांग की जाती है। लेकिन परिवार के सदस्यों के पास इतना वक्त नहीं होता कि वे कार्यालयों के चक्कर काटते रहें। नड्डी की वार्ड पंच कहती हैं कि वह अपने वार्ड में विकास करवाने में भी अक्षम हैं।