Edited By Simpy Khanna, Updated: 05 Oct, 2019 05:18 PM
सरकारी तंत्र की विफलता का आलम यह है कि लोगों को वाटर सप्लाई नहीं बल्कि सिंचाई योजना का पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों को काफी अर्से से आईपीएच द्वारा सिंचाई योजना से पेयजल सप्लाई की जा रही है और लोगों को और विकल्प न होने के चलते सिंचाई...
ऊना (विशाल) : सरकारी तंत्र की विफलता का आलम यह है कि लोगों को वाटर सप्लाई नहीं बल्कि सिंचाई योजना का पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों को काफी अर्से से आईपीएच विभाग द्वारा सिंचाई योजना से पेयजल सप्लाई की जा रही है और लोगों को और विकल्प न होने के चलते सिंचाई योजना के पानी को ही पीने के लिए प्रयोग में लाना पड़ रहा है। मामला सामने आया है जिला मुख्यालय के साथ सटे गांव मलाहत में। यहां के वार्ड नंबर-1 में यह स्थिति काफी अर्से से बनी हुई है। आईपीएच विभाग की माने तो ऐसा केवल पेयजल संकट दूर करने के लिए किया गया है क्योंकि जिन घरों को सिंचाई योजना से कनेक्शन दिए गए हैं वह सबसे लास्ट में पड़ते हैं जिसके चलते वहां तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। आईपीएच विभाग का तर्क अपनी जगह सही हो सकता है लेकिन लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाना आईपीएच की प्राथमिक जिम्मेदारी है जोकि मलाहत निवासियों के प्रति अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।
कई साल पहले सिंचाई योजना के साथ जोड़े थे क्नेक्शन
मलाहत के वार्ड नंबर एक में काफी सालों पहले सामने आई पेयजल किल्लत को दूर करने के लिए आईपीएच विभाग ने यहां सिंचाई के लिए स्थापित किए टयूबवैल नंबर 6 से लगभग 2 दर्जन घरों को पेयजल कनेक्शन दे दिए। तब से आज दिन तक इन घरों में वाटर सप्लाई नहीं बल्कि सिंचाई योजना का पानी आ रहा है और यही पानी न केवल रोजमर्रा के कार्यों बल्कि खाना पकाने और पीने के लिए भी स्थानीय वाशिंदों को प्रयोग में लाना पड़ रहा है। एक बार सिंचाई योजना से लोगों को कनेक्शन देने के बाद आई.पी.एच. इनको दोबारा वाटर सप्लाई स्कीम से जोडऩा भूल गया है।
बिना फिल्टर हुआ पानी पी रहे मलाहत के वाशिंदे
आमतौर पर आईपीएच विभाग द्वारा लोगों को पेयजल मुहैया करवाने के लिए वाटर सप्लाई स्कीम का निर्माण करके लोगों के घरों तक पेयजल पहुंचाया जाता है। वहीं खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए वाटर सप्लाई स्कीम का निमार्ण किया जाता है और किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाता है। वाटर सप्लाई स्कीम के तहत टयूबवैल के माध्यम से पानी लिफ्ट करके ऊंचाई पर बनाई कंक्रीट की टंकियों में भेजा जाता है और साफ करके पानी लोगों को पानी के लिए सप्लाई किया जाता है। वहीं सिंचाई योजना का पानी बिला फिल्टर खेतों में पहुंचाया जाता है ताकि फसलों की सिंचाई हो सके। अब यही बिना फिल्टर का पानी लोगों को मलाहत में पेयजल के तौर पर सप्लाई किया जा रहा है। वहीं टंकियों में विभाग कई तरह की दवाइयां डालकर पानी को शुद्ध करता है जबकि मलाहत के लोगों को ऐसा पानी नहीं मिल रहा है।
मोटर खराब, टैंकर मंगवाकर लोग कर रहे गुजारा
मामला अब जा के लाइम लाइट में तब आया जब उक्त सिंचाई योजना की मोटर खराब हो गई और लोग पानी से वंचित हो गए। पेयजल के लिए त्राहिमाम मचा तो उक्त मामला सामने आया है। मौजूदा समय में इस नलकूप की मोटर खराब है जिसको रिपेयर करने में आईपीएच कर्मी लगे हुए हैं। खराबी के चलते पेयजल संकट पैदा हो गया है और लोगों को अपने स्तर पर पेयजल पाने के लिए वाटर टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। जिन लोगों ने मवेशी रखें हैं उनके लिए पर्याप्त पानी इकटठा करना ज्यादा मुश्किल है।
स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए पेयजल स्कीम से क्नेक्शन दे विभाग
स्थानीय ग्रामीणों विवेक ठाकुर, बलबीर सिंह, रणजोध सिंह, रविंद्र सिंह, संजीव, निर्मल, अमरीक आदि के मुताबिक उनके घरों को ङ्क्षसचाई योजना का पानी दिया जा रहा है जोकि आजकल पम्प खराब होने से ठप पड़ा हुआ है। पेयजल स्वच्छ मिले इसका विभाग को स्वत: ध्यान रखते हुए सभी पेयजल क्नेक्शनों को वाटर सप्लाई से जोडऩा चाहिए। उनकी विभाग से अपील है कि लोगों के स्वास्थ्य व पानी की किल्लत को ध्यान में रखते हुए इन सभी घरों को पेयजल स्कीमों से कनैक्शन दिए जाएं।
क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी
आईपीएच विभाग के एसडीओ होशियार सिंह का कहना है कि कुछ घरों में पेयजल न पहुंचने के चलते कनेक्शन सिंचाई योजना से दिए गए थे। इनको वाटर सप्लाई स्कीम के साथ जोडऩे के लिए प्रयास किए जाएंगे। यहां चल रहे पेयजल संकट को भी दूर किया जाएगा।