राजधानी में चिट्टे के आदी बन रहे लोग

Edited By Simpy Khanna, Updated: 16 Aug, 2019 10:56 AM

people becoming addicted drugs

प्रदेश की राजधानी जिला शिमला में नशीले पदार्थों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। जिस कारण जिला में नशे का व्यापार काफी फल-फूल रहा है। इसका ताजा उदाहरण पुलिस विभाग द्वारा पकड़े जा रहे नशे के कारोबारी से देखा जा सकता है।

शिमला (जस्टा): प्रदेश की राजधानी जिला शिमला में नशीले पदार्थों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। जिस कारण जिला में नशे का व्यापार काफी फल-फूल रहा है। इसका ताजा उदाहरण पुलिस विभाग द्वारा पकड़े जा रहे नशे के कारोबारी से देखा जा सकता है। शिमला की अगर बात की जाए तो यहां पर लगातार 3 दिन में 3 जगह पर पुलिस ने 6 युवकों से चिट्टा पकड़ा है। इनमें 10 अगस्त को टूटीकंडी में एक युवक से 12 ग्राम चिट्टा, 11 अगस्त को 2 युवकों से 19.5 ग्राम चिट्टा और 12 अगस्त को शोघी में 3 युवकों से 35.40 ग्राम चिट्टा पकड़ा है। राजधानी में नशे के बढ़ते इस कारोबार से नशे की गिरफ्त में 12 से लेकर 60 साल तक के लोग शामिल हैं। इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। खासकर स्कूल और कालेज जाने वाले छात्रों में नशे की प्रवृत्ति बड़ी तेजी से बढ़ रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार भी प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए काफी प्रयास कर रही है, लेकिन नशीले पदार्थों का कारोबार अंतर्राज्यीय खतरा बन चुका है।

देश को नशामुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन ही नहीं, बल्कि नशा न करने वाले लोगों को भी नशामुक्त करवाने के प्रयास करने होंगे, तभी युवा पीढ़ी नशे से बच सकती है। गौर रहे कि जिला पुलिस ने नशा बेचने वाले और नशे के कारोबारियों को पकडऩे के लिए अहम भूमिका निभाई है। कुछ माह पहले पुलिस ने चिट्टा सहित विदेशी तस्कर को दिल्ली से पकड़ा था। यह तस्कर हिमाचल में चिट्टा की सप्लाई करता था। यहां पर यह भी तय माना जा रहा है कि हिमाचल में चिट्टा बाहरी राज्यों से आ रहा है। पुलिस का कहना है कि अगर नशे से युवा पीढ़ी को बचाने चाहते हैं तो इसमें लोगों का भी सहयोग होना चाहिए। तभी नशे पर काबू पाया जा सकता है।

इस नशे के भी शौकीन युवा लोग

जिला के अंदर युवा लोग एक तरह का ही नशा नहीं, बल्कि तरह-तरह का नशा करते हैं। युवा लोग चिट्टा, चरस व अफीम तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि गुटखा, सिगरेट, फ्ल्यूड व बूट पॉलिश आदि के भी युवा लोग शौकीन हैं। जब शिमला पुलिस ने बीते 2 हफ्ते पहले अभियान चलाया था तो कई कारोबारियों को इन नशीले पदार्थों को बेचते हुए पकड़ा था। तंबाकू वाला नशा दुकानों में खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। हिमाचल प्रदेश में तंबाकू निषेध कानून 1997 में बना। इसे वर्ष 2003 में प्रदेश भर में लागू किया गया। विडंबना यह है कि नशे और नशीले पदार्थों को रोकने के लिए कानून तो बना दिए, लेकिन उन पर कोई ठोस अमल नहीं किया गया है। सार्वजनिक स्थलों सहित होटल, रेस्तरां, क्लब, धार्मिक स्थल और स्कूलों के समीप नशे का सामान खुलेआम बेचा रहा है।

जिला को नशामुक्त करने की है कोशिश : एस.पी.

इस संबंध में शिमला के एस.पी. ओमापति जम्वाल ने कहा कि नशे को लेकर पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा है। कोशिश है कि जल्द ही जिला नशामुक्त होगा। पुलिस नशे के कारोबारियों का पर्दाफाश कर रही है। पुलिस ने जिला के सभी थानों के तहत अभियान भी चलाए हैं, जिसके तहत पुलिस ने कई नशीले पदार्थ पकड़े हैं। आगे भी पुलिस की कार्रवाई चलती रहेगी। नशा बेचने वालों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोगों द्वारा पुलिस को सहयोग देने की जरूरत है।

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