Edited By Vijay, Updated: 15 Sep, 2019 08:02 PM
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड पैंशनर्ज फोरम सुंदरनगर का द्विवार्षिक अधिवेशन कालोनी में स्थित विद्युत बोर्ड के सामुदायिक भवन में हुआ, जिसमें फोरम के प्रदेशाध्यक्ष सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता ए.एस. गुप्ता तथा महासचिव चंद्र सिंह मंडयाल विशेष अतिथि के रूप...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड पैंशनर्ज फोरम सुंदरनगर का द्विवार्षिक अधिवेशन कालोनी में स्थित विद्युत बोर्ड के सामुदायिक भवन में हुआ, जिसमें फोरम के प्रदेशाध्यक्ष सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता ए.एस. गुप्ता तथा महासचिव चंद्र सिंह मंडयाल विशेष अतिथि के रूप से मौजूद रहे। अधिवेशन में सुंदरनगर, नाचन तथा डैहर आदि के समीपवर्ती क्षेत्रों से विद्युत बोर्ड के सभी सेवानिवृत्त अधिकारी व कर्मचारी तथा आश्रित सदस्यों ने भाग लिया और अपनी चिरलंबित समस्याओं पर चर्चा करके आगामी रणनीति बनाई। सुंदरनगर इकाई के प्रधान के.एस. जमवाल ने बताया कि हिमाचल सरकार पैंशनरों की मांगों को अनसुना करती आई है और इसके विरोध में सुंदरनगर में सभी पैंशनरों ने एकत्रित होकर हिमाचल सरकार और बिजली बोर्ड प्रबंधन को घेरने की रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा कि अगर पैंशनरों की मांगें नहीं मानीं तो आने वाले समय में बोर्ड प्रबंधन व सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
ये हैं पैंशनरों की मुख्य मांगें
इस अवसर पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर विद्युत बोर्ड प्रबंधन तथा हिमाचल सरकार से सभी पैंशनरों को 60, 75 व 80 वर्ष की आयु के बाद दिए जाने वाले 5,10 व 15 प्रतिशत के भत्ते को मूल पैंशन में सम्मिलित करने, मैडीकल बिलों का शीघ्र भुगतान करने, विद्युत बोर्ड तथा सरकारी विश्राम गृहों में सेवारत कर्मचारी व अधिकारियों से एक समान शुल्क लेने तथा 2003 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को पुरानी पैंशन प्रणाली बहाल करने का पुरजोर अनुरोध किया।
के.एस. जम्वाल बने दूसरी बार प्रधान
अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का भी विधिवत चुनाव कराकर गठन किया गया, जिसमें के.एस. जम्वाल को लगातार दूसरी बार प्रधान चुना गया है। वरिष्ठ उपप्रधान के पद पर मथरा प्रसाद ठाकुर, वी.के. शर्मा व वी.सी. शर्मा को उपप्रधान, महासचिव के पद पर सोहन सिंह चौहान को लगातार तीसरी बार चुना गया है। सह सचिव के पद पर प्यार सिंह सेन, कोषाध्यक्ष भूप सिंह राणा, लेखा परीक्षक कर्म चंद शर्मा, मुख्य सलाहकार के.डी. खोसला को चुना गया है। शेष कार्यकारिणी के गठन का अधिकार प्रधान व चुनी हुई कार्यकारिणी को दिया गया है।