चंबा के इस गांव में पालकी में लाए जाते मरीज, सड़क की नहीं कोई आस

Edited By Ekta, Updated: 14 Jun, 2019 09:53 AM

patients brought to the sedan in this village of chamba

विकास खंड भटियात के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गोला के भियोरा गांव के वार्ड-5 के वासी अभी तक सड़क सुविधा से वंचित हैं। गोला पंचायत के भियोरा गांव में लगभग 400 की आबादी है लेकिन सड़क सुविधा नहीं होने के कारण यहां के बाशिंदों को भारी कठिनाइयों का...

चुवाड़ी (विरेंद्र): विकास खंड भटियात के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गोला के भियोरा गांव के वार्ड-5 के वासी अभी तक सड़क सुविधा से वंचित हैं। गोला पंचायत के भियोरा गांव में लगभग 400 की आबादी है लेकिन सड़क सुविधा नहीं होने के कारण यहां के बाशिंदों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि यह क्षेत्र मुख्य सड़क से लगभग 5 किलोमीटर दूर है।  

बार-बार गुहार, नहीं सुनी पुकार

बात हुक्मरानों की करें तो भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही सरकारों ने क्षेत्रवासियों को सड़क के नाम पर महज आश्वासन ही दिए हैं और चुनाव जीतने के बाद इन लोगों की आवाज को अनसुना किया है। क्षेत्रवासी कई बार सरकार से सड़क के लिए गुहार लगा चुके हैं। इसके बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। 

यहां मकान बनाना भी सपना ही

गांव में सड़क न होने से यहां मकान बनाने का लोगों का सपना ही रह गया है। गृह निर्माण सहित अन्य सामग्री की ढुलाई खुद करना पड़ती है या फिर घोड़ों का सहारा लेना पड़ता है। भियोरा निवासियों का मुख्य साधन कृषि या पशुपालन है परंतु सड़क न होने के कारण ये लोग अपनी फसल को बेच भी नहीं सकते और न कोई व्यापारी इनकी फसल को खरीदने पहुंचता है। 

गांव की सफलता में बाधा ऊबड़-खाबड़ रास्ता

पैदल लम्बा थका देने वाला ऊबड़-खाबड़ रास्ता ग्रामीणों की सफलता को रोक देता है। समस्या उस समय और बढ़ जाती है जब कोई बीमार पड़ जाता है। मरीज को पीठ पर उठाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या तब होती है जब किसी महिला को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाना होता है। उसे पालकी या चारपाई में बिठाकर उबड़-खाबड़ रास्ते से मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। 

पढ़ाई के लिए भी 5 किलोमीटर सफर

भयौरा में सिर्फ  एक प्राथमिक पाठशाला है और आगे की पढ़ाई के लिए स्कूली बच्चों को 5 किलोमीटर पैदल चलकर गोला पहुंचना पड़ता है। इन दिनों 38 डिग्री सैल्सियस तापमान के बीच पगडंडियों के सहारे विद्याॢथयों को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गोला पहुंचना पड़ रहा है। बात अगर स्वास्थ्य सुविधा की करें तो यह सुविधा भी भयौरा के ग्रामीणों को 5 किलोमीटर पैदल चलकर उपस्वास्थ्य केंद्र गोला में ही मिल पाती है। 

विधायक से पूछो: पठानिया

पूर्व विधायक कुलदीप सिंह पठानिया के अनुसार गोला पंचायत में अब तक हुआ विकास कांग्रेस सरकारों की ही देन है। जब उनसे भयौरा में सड़क जैसी आवश्यक सुविधा न होने बारे पूछा गया तो उनका कहना है कि अब यहां से भाजपा के विधायक हैं और इस सवाल का जवाब उनका ही बनता है कि यहां सड़क क्यों नहीं है।

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