Edited By Vijay, Updated: 22 Mar, 2020 06:50 PM
इसे टांडा मैडीकल कॉलेज के चिकित्सकों की लापरवाही नहीं तो और क्या कहा जाएगा, जिन्होंने रविवार को जनता कर्फ्यू के दिन जिला चम्बा के एक मरीज को छुट्टी देकर मरीज और उसके साथ आए 3 परिजनों को मुसीबत में डाल दिया।
गग्गल (ब्यूरो): इइसे टांडा मैडीकल कॉलेज के चिकित्सकों की लापरवाही नहीं तो और क्या कहा जाएगा, जिन्होंने रविवार को जनता कर्फ्यू के दिन जिला चम्बा के एक मरीज को छुट्टी देकर मरीज और उसके साथ आए 3 परिजनों को मुसीबत में डाल दिया। जिला चम्बा के जम्मू-कश्मीर सीमा के साथ लगते तहसील चुराह के गांव आइल से खेलको देवी नामक मरीज को भारी पेटदर्द के चलते गत दिवस टांडा मैडीकल कॉलेज लाया गया था।
चम्बा से रैफर की गई थी महिला
मरीज के साथ आए परिजनों राकेश, केवल तथा गोपाल ने बताया कि खेलको देवी को पेट में भारी दर्द के चलते अपने गांव आइल से पीठ पर उठाकर 8 किलोमीटर पैदल सफर करके 17 मार्च को तीसा अस्पताल लाए थे, जहां से उसे 18 मार्च को चम्बा रैफर कर दिया गया। 3 दिन चम्बा में रखने के बाद 21 मार्च को सुबह मरीज को टांडा रैफर कर दिया गया, जिस पर वे चम्बा से एम्बुलैंस द्वारा मरीज को लेकर 21 मार्च को सायं 4 बजे टांडा पहुंचे, जहां मरीज को सभी टैस्ट लिए गए तथा 22 मार्च को प्रात: डॉक्टर ने मरीज को छुट्टी दे दी।
डॉक्टर ने रोगी के परिजनों की प्रार्थना पर नहीं किया गौर
रोगी के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने डॉक्टर से प्रार्थना भी की कि आज कफ्र्यू में उन्हें छुट्टी न दी जाए क्योंकि आज उन्हें वापस जाने के लिए कोई बस नहीं मिलेगी लेकिन डॉक्टर ने उनकी बात पर गौर नहीं किया। परिजनों ने बताया कि अस्पताल के बाहर पुलिस वाले उन्हें खड़े नहीं होने दे रहे थे, जिस पर वे टैक्सी वाले को 300 रुपए देकर गग्गल पहुंचे। पुलिस थाना गग्गल के मुख्य आरक्षी रणजीत सिंह तथा कुलजीत ने मरीज व परिजनों को गांव इच्छी के एक निजी होटल में ठहरने की व्यवस्था की।
होटल मालिक ने नहीं लिया किराया
होटल मालिक ने भी मरीज व परिजनों से कमरे का कोई किराया नहीं लिया तथा भोजन आदि भी नि:शुल्क करवाया। उधर, इस मामले पर टांडा मैडीकल कॉलेज के प्रिंसीपल भानु अवस्थी ने बताया कि वह इस मामले की छानबीन करवाएंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल अस्पताल में कोई एम्बुलैंस उपलब्ध नहीं है तथा जैसे ही एम्बुलैंस उपलब्ध होगी, मरीज को उसके घर तक पहुंचाया जाएगा।