Edited By Ekta, Updated: 14 Feb, 2019 11:42 AM
प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र परवाणु में हिंसक हुए यूनियन विवाद से घबराए उद्योगपतियों ने पलायन की तैयारी कर ली है। करीब 8 उद्योगों की अपना कारोबार समेट कर पंजाब या हरियाणा में यूनिट स्थापित करने की योजना है। प्रदेश में शायद यह पहला मौका है...
सोलन (पाल): प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र परवाणु में हिंसक हुए यूनियन विवाद से घबराए उद्योगपतियों ने पलायन की तैयारी कर ली है। करीब 8 उद्योगों की अपना कारोबार समेट कर पंजाब या हरियाणा में यूनिट स्थापित करने की योजना है। प्रदेश में शायद यह पहला मौका है जब कानून व्यवस्था के कारण उद्योग पलायन करने की योजना बना रहे हैं। परवाणु उद्योग संघ ने इस बारे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है। इसमें परवाणु में चरमराई कानून व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। संघ का कहना है कि यूनियन विवाद के चलते पिछले 10 महीनों से परवाणु में 2 गुटों के बीच खूनी झड़प हो रही है। अब तो गोलियां चलनी शुरू हो गई हैं। गुंडे सड़कों पर खुलेआम तलवारें लेकर घूम रहे हैं। स्थानीय प्रशासन इस मामले को सुलझाने में पूरी तरह नाकाम रहा है।
संघ का यह भी कहना है कि परवाणु में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर उद्योगपति ही चिंतित नहीं हैं बल्कि उद्योगों में काम कर रहे कर्मचारी भी दूसरे राज्यों के उद्योगों में नौकरी की तलाश कर रहे हैं। सरकार धर्मशाला में उद्योगपतियों की बैठक का आयोजन करने जा रही है ताकि हिमाचल में नए उद्योग आएं व लोगों को रोजगार का अवसर मिल सके लेकिन जिस तरह के हालात परवाणु में कानून व्यवस्था के बने हुए हैं उन्हें देखते हुए लोगों की रुचि हिमाचल के लिए कम हो रही है। उद्योग संघ के महासचिव सार्थक तनेजा ने बताया परवाणु में उद्योगों को हो रहे नुक्सान को देखते हुए परवाणु उद्योग संघ की एक बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि संघ वीरवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात करेगा। बैठक में राजीव जैन, आलोक शर्मा, गगन कपूर, राकेश भाटिया, अनिल सहगल व अन्य कई उद्योगपति उपस्थित थे।