कांग्रेस में घमासान पर पार्टी सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली तल्ख, रिपोर्ट की तलब

Edited By Vijay, Updated: 05 Jul, 2020 11:08 PM

party co incharge gurkirat singh kotli anger on skirmish in congress

हिमाचल कांग्रेस में जारी घमासान पर पार्टी हाईकमान तल्ख हो गया है। इसी कड़ी में कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है, साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को चेताया है कि संगठन में अनुशासनहीनता...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल कांग्रेस में जारी घमासान पर पार्टी हाईकमान तल्ख हो गया है। इसी कड़ी में कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है, साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को चेताया है कि संगठन में अनुशासनहीनता सहन नहीं की जाएगी, ऐसे में कोई भी लक्ष्मण रेखा न लांघे। यदि कोई लक्ष्मण रेखा लांघता है तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कोटली ने संपर्क करने पर कहा कि वह पार्टी नेताओं के साथ संपर्क में हैं और जो जानकारियां मिली हैं, उसके आधार पर रिपोर्ट मांगी गई है।

संगठन में अनुशासनहीनता को कोई स्थान नहीं

उन्होंने कहा कि संगठन में अनुशासनहीनता को कोई स्थान नहीं है। संगठन अनुशासन से ही चलता है और संगठन से ही नेता बनते हैं, ऐसे में सभी को लक्ष्मण रेखा के भीतर ही रहना होगा। गौर हो कि लंच डिप्लोमेसी के बाद मंडी में कांग्रेस पदाधिकारियों की अलग-अलग बैठकेंहुई थीं। इसके पश्चात कुछ नेताओं के इस्तीफे तो कुछ को शॉ-कोज नोटिस जारी किए जाने से अब जुबानी जंग हावी होती नजर आ रही है। पार्टी अध्यक्ष से लेकर पूर्व अध्यक्ष पर सवाल उठाए जा रहे हैं, ऐसे में पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए अब हाईकमान एक्शन में आ गया है।

संगठन की मजबूती के लिए करें काम

कोटली ने कांग्रेसजनों से कहा है कि वे संगठन की मजबूती के लिए काम करें। यदि किसी को कोई शिकायत है तो वह पार्टी स्तर पर उठाए ताकि उसका हल निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड संकट काल में पार्टी जरूरतमंद लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। जनता ने कांग्रेस के प्रयासों को सराहा है।

बिना सोचे-समझे फैसले ले रही सरकार

कोटली ने कहा कि कोविड संकट काल में प्रदेश की जनता को राहत देने में सरकार विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि राशन सबसिडी में कटौती कर सरकार ने गलत निर्णय लिया। इसके साथ ही बिजली बिल माफ करने की बजाय सरकार ने बिजली की दरें ही बढ़ा दीं। उन्होंने कहा कि सरकार बिना सोचे-समझे फैसले ले रही है। सरकार सेब सीजन को लेकर भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। लेबर की उपलब्धता अभी तक सुनिश्चित नहीं हो पाई है जिससे बागवानों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

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