यहां एकसाथ विराजमान हैं पंचदेव, ऐसी दुर्लभता वाले देश में सिर्फ 2 मंदिर (PICS)

Edited By Ekta, Updated: 11 Nov, 2018 10:39 AM

panchdev is sitting here together

सनातन पद्दति में पंचदेव पूजा का विशेष महत्व माना गया है और इस पूजा के लिए ऐसा स्थान सर्वोत्तम होता है जहां पंचदेव एकसाथ विराजमान हों। यदि भगवान शिव मध्य में विराजित हों तो मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। देश में ऐसे दो ही दुर्लभ मंदिर मौजूद हैं...

मंडी (नीरज): सनातन पद्दति में पंचदेव पूजा का विशेष महत्व माना गया है और इस पूजा के लिए ऐसा स्थान सर्वोत्तम होता है जहां पंचदेव एकसाथ विराजमान हों। यदि भगवान शिव मध्य में विराजित हों तो मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। देश में ऐसे दो ही दुर्लभ मंदिर मौजूद हैं जहां पंचदेवों के साथ भगवान शिव मध्य में विराजित हैं। ऐसा एक मंदिर में मध्य प्रदेश के भोपाल में तो दूसरा हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी में मौजूद हैं। हालांकि भोपाल वाले मंदिर की अधिकारिक जानकारी नहीं, लेकिन जो लोग वहां जाकर आए हैं यह उनका कहना है। छोटी काशी में प्राचीन एकादश रूद्र मंदिर ब्यास नदी के तट पर मौजूद है। 
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इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर पंचदेव एकसाथ विराजमान हैं। भगवान शिव ग्यारह रूपों वाले एकादश रूद्र के रूप में मंदिर के मध्य में मौजूद हैं। इनके चारों कोनों पर भगवान विष्णु, गणेश, सूर्य और देवी शक्ति का मंदिर बना हुआ है। मंदिर के पुजारी स्वामी सत सुंदरम बताते हैं कि अन्य मंदिरों में पंचदेवों की मूर्तियां जरूर रखी होती हैं लेकिन यहां पर मूर्तियां स्थापित की गई हैं और इसके लिए बाकायदा मंदिर बनाए गए हैं। मुख्य मंदिर के चारों कोनों पर यह मंदिर स्थापित हैं जहां पंचदेवों की स्थापना सदियों पूर्व पूरे विधि विधान के साथ की गई थी। यही कारण है कि मंदिर को देखने आने वाले खुद को आनंदित महसूस करते हैं और यहां पंचोपासना करके मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।
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मंदिर कितना पुराना है और किस राजा के शासनकाल में बना था इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं है। पुजारी स्वामी सत सुंदरम ने इसकी जानकारी के लिए मंडी के राजपरिवार से संपर्क भी किया था लेकिन सही जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। एक अपुष्ट जानकारी मिली है जिसके तहत यह मंदिर एक ही शिला पर बना है। यह शिला ब्यास नदी से शुरू होती है और मंदिर के पास आकर समाप्त होती है। स्वामी सत सुंदरम बताते हैं कि ऐसे मंदिर सिद्धपीठ कहलाते हैं और इस मंदिर के बारे में भी यही जानकारी उनके पास मौजूद है। लोगों की इस मंदिर के प्रति विशेष आस्था है। 
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यहां शिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान ओम नमः शिवाय के अखंड जाप होता है। यही नहीं मंदिर में बीते करीब चालीस वर्षों से श्रावण महीने पर रोजाना भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर खुशी है कि ऐसा विशेष मंदिर उनके शहर में मौजूद है। ज्ञात रहे कि मंडी शहर को छोटी काशी भी कहा जाता है। यहां भगवान शिव के दर्जनों मंदिर मौजूद हैं। प्रत्येक मंदिर को लेकर अपनी-अपनी मान्यताएं हैं और हर मंदिर की अपनी एक विशेषता है। उन्हीं में से एक विशेषता प्राचीन एकादश रूद्र मंदिर की भी है।
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