दर्दनाक हादसे ने खोली अस्पताल की पोल, खून के अभाव में गई महिला की जान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Sep, 2017 12:54 AM

painful incident opened poll of hospital  death of woman in the absence of blood

जिला में हुई एक और सड़क दुर्घटना ने एक बार फिर से जिला की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है।

ऊना: जिला में हुई एक और सड़क दुर्घटना ने एक बार फिर से जिला की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। जहां एक ओर अम्ब अस्पताल में रक्त न होने और सही व्यवस्थाएं न हो पाने के चलते गंभीर हालत में एक महिला की क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर ऊना अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने के चलते 47 मरीजों में से एक के बाद एक करके 18 लोगों को चंद ही क्षणों में पी.जी.आई. रवाना कर दिया गया। हालात ऐसे थे कि क्षेत्रीय अस्पताल का एमरजैंसी वार्ड पूरी तरह से खाली रहा जबकि घायलों को स्ट्रैचर पर ही इलाज देकर पी.जी.आई. रवाना किया जाता रहा। यहां तक कि 3 मरीजों को क्षेत्रीय अस्पताल के बाहर एम्बुलैंस में ही उपचार देकर आगे रवाना कर दिया गया। हालांकि क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में सी.एम.ओ. डा. प्रकाश दड़ौच सहित लगभग आधा दर्जन से अधिक चिकित्सकों की टीम घायलों के इलाज में जुटी रही लेकिन कुछ व्यवस्थाओं की कमी जरूर खली।
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धड़ से अलग हो गई थी महिला की टांग
कुठेड़ा खैरला में ट्रक हादसे में घायल हुई सुखवंत कौर (45) की टांग हादसा स्थल पर ही धड़ से अलग हो गई। हादसे के बाद लहूलुहान हुई सुखवंत को अम्ब अस्पताल पहुंचाया गया। यहां उसकी टांग पर पट्टी कर दी गई और इलाज की अन्य विधियां अमल में ला दी गईं लेकिन उसको इस अस्पताल में रक्त नहीं मिल पाया। टांग अलग हो जाने के कारण सुखवंत का रक्त अधिक बह गया था और उसको खून चढ़ाया जाना नितांत आवश्यक था। सुखवंत को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना रैफर कर दिया गया और एंबुलैंस में उसको खून की व्यवस्था तो क्या ऑक्सीजन की व्यवस्था भी नहीं मिल पाई। जिंदगी और मौत के बीच झूलती सुखवंत क्षेत्रीय अस्पताल लाई गई और यहां चंद क्षणों बाद ही जख्मों का ताव न सहते हुए उसने स्ट्रैचर पर ही दम तोड़ दिया। 
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फिर खली हड्डी रोग विशेषज्ञ की कमी
इस हादसे में ऊना लाए गए 17 घायलों में से 14 की हड्डियां बुरी तरह से टूट चुकी थीं। किसी की टांग फ्रैक्चर थी तो किसी की बाजू तो किसी की पसली। क्षेत्रीय अस्पताल में पिछले कई माह से हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने के चलते दूसरे रोगों के विशेषज्ञों ने उनको प्राथमिक इलाज दिया और पी.जी.आई. रवाना कर दिया गया। अधिकतर घायलों को स्ट्रैचर पर ही अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में लाया गया और उसी पर इलाज देकर उसी स्ट्रैचर पर ही पी.जी.आई. चंडीगढ़ रवाना कर दिया गया। ऊना दौरे पर आए स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने जल्द हड्डी रोग विशेषज्ञ ऊना भेजने की बात कही थी लेकिन अभी तक वह भी झुनझुना ही साबित हो रहा है।
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