Edited By kirti, Updated: 26 Nov, 2019 01:52 PM
हिमाचल प्रदेश में एक होनहार डॉ. येशी ढोडेन(93) का मंगवार को निधन हो गया। वह कैंसर के मरीजों के मशहूर डॉ. थे। जिन्होंने मैक्लोडगंज में 93 वर्षीय यशी ढोडेन ने अपने निवास अशोका होटल में आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ समय से बिमार चल...
चंबा: हिमाचल प्रदेश में एक होनहार डॉ. येशी ढोडेन(93) का मंगवार को निधन हो गया। वह कैंसर के मरीजों के मशहूर डॉ. थे। जिन्होंने मैक्लोडगंज में 93 वर्षीय यशी ढोडेन ने अपने निवास अशोका होटल में आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ समय से बिमार चल रहे थे। इस कारण उन्होंने अस्पताल में बैठना भी कम कर दिया था। मैक्लोडगंज में होटल अशोका के पास अस्पताल में लोगों का उपचार किया जाता है।
यहां मरीजों की इतनी भीड़ रहती है कि पंजीकरण करवाने पर दो से तीन महीने के बाद बारी आती है। बता दें कि साल 1960 में उन्होंने तिब्बती मेडिकल कॉलेज की स्थापना की, जिसके वह 1979 तक निदेशक और प्रिंसिपल रहे। येशी 1960 से 1980 तक बीस साल तक धर्मगुरु दलाईलामा के निजी चिकित्सक भी रहे।वह हर्बल दवाओं और तिब्बती पद्धति से कैंसर पी़ड़ितों का इलाज करते थे। उनके क्लीनिक में मैक्लॉडगंज और धर्मशाला में बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए आते थे। डॉक्टर येशी कैंसर के लिए इलाज के लिए उन्हें खासतौर पर जाना जाता था।
दावा है कि उन्होंने स्तन कैंसर के साथ सहित दुनिया भर से हजारों कैंसर रोगियों का इलाज किया है। उनके उपचार में मूल रूप से प्राचीन तिब्बती पद्धति का इस्तेमाल होता था। साल 2018 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री सम्मान पाने वाले 73 लोगों में डॉ. येशी भी शामिल रहे थे। उन्हें धर्मशाला में तिब्बती औषधि चिकित्सा प्रणाली से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की ठीक करने का श्रेय जाता है। डॉ. येशी डोंडन का जन्म 15 मई 1927 को लहोका (तिब्बत) में हुआ था। उनका परिवार नोगोक लोटसा और नोगो चोकेकु डोरजी के लोकप्रिय चिकित्सा वंश से आता है। उन्होंने बीस साल उम्र में डॉक्टरी की पढ़ाई कर ली थी।