Edited By Vijay, Updated: 01 Nov, 2018 10:37 PM
नूरपुर के पास हुए स्कूल बस हादसे के उपरांत प्रशासन ने स्कूल बसों में हो रही ओवरलोडिंग पर कड़े कदम उठाए। स्कूल बसों की नियमित जांच के उपरांत स्कूल प्रशासन ने भी इस दिशा में कुछ दिन तो अपनी बसों की सीट के अनुसार ही बच्चों को बस में बिठाकर उन्हें घर से...
राजा का तालाब: नूरपुर के पास हुए स्कूल बस हादसे के उपरांत प्रशासन ने स्कूल बसों में हो रही ओवरलोडिंग पर कड़े कदम उठाए। स्कूल बसों की नियमित जांच के उपरांत स्कूल प्रशासन ने भी इस दिशा में कुछ दिन तो अपनी बसों की सीट के अनुसार ही बच्चों को बस में बिठाकर उन्हें घर से स्कूल लाना और स्कूल से घर छोड़ना जारी रखा परंतु जैसे ही प्रशासन ने थोड़ी सी ढील दिखाई, फिर से स्कूल प्रशासन ने क्षमता से ज्यादा स्कूल बस में बच्चों को लाना व ले जाना शुरू कर दिया, ऐसे में प्रशासन भी शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।
स्कूल बसों में अभी भी जारी है ओवरलोडिंग
क्षेत्र की स्कूल बसों में बिना किसी रोकटोक के अभी भी ओवरलोडिंग जारी है और प्रशासन भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। इन स्कूल बसों को चलाने वाला स्टाफ भी स्कूल प्रबंधक के आगे बेबस है। स्टाफ की मानें तो उनका कहना कि स्कूल प्रबंधन के अनुसार ही उन्हें चलना पड़ता है। गुरुवार को एक निजी स्कूल की बस जोकि नूरपुर, जसूर, राजा-का-तालाब से ज्वाली जा रही थी, उस 42 सीटर बस में 62 बच्चे सवार थे। उक्त बस में एक सीट पर 4 से 5 बच्चे बैठे देखे गए जबकि बस के ड्राइवर के पास ही बोनट पर भी 7-8 बच्चे बैठे हुए थे।
क्या कहते हैं एस.पी. कांगड़ा
इस संबंध में एस.पी. कांगड़ा संतोष पटियाल का कहना है कि पुलिस थानों को स्कूली बसों की जांच करने के विशेष आदेश दिए गए हैं। इसके लिए थानों से जवाब तलब किया जाएगा तथा स्कूली बसों में ओवरलोडिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।