Edited By Ekta, Updated: 25 Jun, 2019 11:39 AM
सड़क हादसों को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है। अगर नजर दौड़ाई जाए तो अधिकतर बस हादसे ग्रामीण इलाकों में होते हैं। जिसकी वजह होती है ओवरलोडिंग। हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के कारण लोग यहां दूरदराज गांव में बसते हैं। जहां आने जाने के लिए बहुत ही...
नाहन (सतीश): सड़क हादसों को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है। अगर नजर दौड़ाई जाए तो अधिकतर बस हादसे ग्रामीण इलाकों में होते हैं। जिसकी वजह होती है ओवरलोडिंग। हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के कारण लोग यहां दूरदराज गांव में बसते हैं। जहां आने जाने के लिए बहुत ही सीमित साधन होने के साथ-साथ सड़कों की हालत थी खराब है। ग्रामीणों को दैनिक जरूरत का सामान लेने के लिए भी शहर आना पड़ता है। इसके साथ-साथ स्कूली बच्चों को भी उच्च शिक्षा के लिए शहर जाना पड़ता है। जिस कारण सुबह शाम बसों में ओवरलोडिंग हो जाती है।
ग्रामीण इलाकों में एचआरटीसी की बस सेवा कम होना भी सड़क हादसों का एक बड़ा कारण है। जिसके चलते ग्रामीणों को निजी बसों में जैसे-तैसे सफर करना पड़ता है। इसके अलावा यहां की संकरी सड़कें भी एक्सीडेंट का एक बड़ा कारण हैं। इसके अलावा एक्सीडेंट प्रोन एरिया में क्रैश बैरियर और पैराफिट न लगे होने के कारण भी एक्सीडेंट ज्यादा हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार एक्सीडेंट प्रोन एरिया को चिन्हित करें ताकि सड़क हादसों पर रोक लगाई जा सके।
जिला सिरमौर में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए परिवहन विभाग ग्रामीण इलाकों के लिए 15 नए बस रूट शुरू करने पर विचार कर रहा है। अतिरिक्त जिला परिवहन अधिकारी सोना चौहान ने बताया कि सड़क हादसों पर रोक लगाने के मकसद से जल्द ही प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के साथ बैठक की जा रही है। कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में सरकार बसों की व्यवस्था करे और सड़कों की हालात पर नजर रखे तो यहां सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है।