Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Aug, 2017 04:26 PM
विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन जहां सदन के अंदर हंगामा देखने को मिला तो वहीं बाहर आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला।
शिमला (राजीव): विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन जहां सदन के अंदर हंगामा देखने को मिला तो वहीं बाहर आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। विभिन्न विभागों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों ने विधानसभा के बाहर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह का कहना है कि सरकार वायदे के मुताबिक आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाए। सरकार को कम से कम उनका वेतन तो बढ़ाना चाहिए। उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह भी प्रावधान करना चाहिए कि उन्हें 58 वर्ष से पहले नहीं हटाया जाएगा साथ ही उन्हें सरकारी कर्मियों की तरह सुविधाएं दी जाएं। लेकिन सरकार उनकी मांग को लेकर गंभीर नज़र नहीं आ रही है।
सरकार की नीति से संतुष्ट नहीं
हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल ने आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाए जाने की घोषणा की गई थी। सरकार की नीति के मुताबिक कर्मचारियों को मेडिकल और छुट्टी की सुविधा देने की बात कही गई थी। इसी तरह ठेकेदारों की कमीशन कम करने का भी फैसला लिया गया था। मगर मंत्रिमंडल के इस फैसले से आऊटसोर्स कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं और वे अपने लिए स्थाई नीति को बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।