RUSA पर जयराम सरकार के यू-टर्न पर विपक्ष ने किया Walkout

Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Mar, 2018 11:40 PM

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जयराम सरकार द्वारा रूसा पर यू-टर्न, शिक्षा विभाग में शिक्षकों के बड़े पैमाने पर तबादले और शिक्षा की गुणवत्ता के मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस ने वीरवार को विधानसभा से वॉकआऊट किया।

शिमला: जयराम सरकार द्वारा रूसा पर यू-टर्न, शिक्षा विभाग में शिक्षकों के बड़े पैमाने पर तबादले और शिक्षा की गुणवत्ता के मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस ने वीरवार को विधानसभा से वॉकआऊट किया। विपक्ष ने यह वॉकआऊट शिक्षा विभाग को लेकर लाए गए कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए जवाब से असंतुष्ट होने पर किया। इससे पूर्व कटौती प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्रिहोत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में अपने विजन डॉक्यूमैंट में सत्ता में आने पर रूसा को खत्म करने का वायदा किया था लेकिन अब सरकार इससे पीछे हट गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर भी सरकार की कोई नीति नहीं है और भारी पैमाने पर शिक्षकों के तबादले किए जा रहे हैं। यही नहीं, शिक्षा मंत्री ने अपने जवाब में राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री अपने जवाब से विपक्ष को संतुष्ट नहीं कर पाए इसलिए वे इस मुद्दे पर वॉकआऊट कर रहे हैं। विपक्ष ने शिक्षा मंत्री के जवाब के दौरान ही खूब हो-हल्ला किया। 


सरकार ने लाखों छात्रों को वोट बटोरने के लिए किया गुमराह
इससे पूर्व कांग्रेस द्वारा शिक्षा विभाग को लेकर लाए गए कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने पूछा कि क्या सरकार विधानसभा चुनाव में किए गए अपने वायदे के मुताबिक रूसा को खत्म कर रही है या नहीं। उन्होंने सरकार पर प्रदेश के लाखों छात्रों को वोट बटोरने के लिए गुमराह करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने सरकार पर भारी पैमाने पर शिक्षकों के तबादले करने का आरोप लगाया तथा यह भी कहा कि सरकार ने कई ऐसे लोगों के तबादले कर दिए हैं जो मर गए हैं या सेवानिवृत्त हो गए हैं। 


कांगड़ा में सी.यू. की स्थापना को बनाया राजनीति का अखाड़ा 
अग्रिहोत्री ने कांगड़ा में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को सरकार द्वारा राजनीति का अखाड़ा बना देने का आरोप लगाते हुए इसे तुरंत स्थापित करने, प्रदेश विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति करने, विश्वविद्यालय में शोध कार्यों को बढ़ावा देने और पैरा, पैट, एस.एम.सी. तथा अन्य श्रेणी के शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए नीति बनाने की मांग की।


सदन में गूंजी पंजाब केसरी, एक्ट या पॉलिसी
मुकेश अग्रिहोत्री ने शिक्षकों के लिए बनाई जा रही ट्रांसफर नीति पर भी सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग सबसे बड़ा महकमा है और इसमें 90,000 शिक्षक हैं। इस दौरान उन्होंने पंजाब केसरी समाचार पत्र में छपी खबर ट्रांसफर पॉलिसी या एक्ट, असमंजस में सरकार, गुस्से में शिक्षक का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने से शिक्षा जगत में अनिश्चितता का माहौल है। उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। उन्होंने कहा कि यदि नीति बनानी ही है तो सभी कर्मचारियों के लिए बनाई जाए, शिक्षकों के लिए ऐसा क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक्ट या नीति को लेकर सरकार स्थिति स्पष्ट करे।


कसुम्पटी में शिक्षकों के 80 फीसदी पद खाली 
विधायक अनिरुद्ध सिंह ने चर्चा में भाग लेते हुए अपने चुनाव क्षेत्र कसुम्पटी में शिक्षकों के लगभग 80 फीसदी पद खाली होने का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही उन्होंने मल्याणा में कालेज खोलने की मांग की। उन्होंने कहा कि जो ट्रांसफर नीति आ रहीं है, उसे लेकर स्थिति स्पष्ट की जाए।


शिक्षण संस्थानों में न हो धार्मिक गतिविधि 
विधायक हर्षवर्धन चौहान ने आरोप लगाया कि पिछले 3 महीनों से शिक्षकों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। उन्होंने शिक्षकों के लिए अलग स्थानांतरण नीति लाने के सरकार के प्रयासों का विरोध किया तथा कहा कि प्रदेश में पहले से ही स्थानांतरण नीति मौजूद है। ऐसे में किसी एक वर्ग के लिए अलग से स्थानांतरण नीति नहीं लाई जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि शक्षण संस्थानों में छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं होने चाहिए और शिक्षकों पर भी नकेल कसी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में धार्मिक गतिविधि नहीं होनी चाहिए। इसको लेकर उन्होंने विश्वविद्यालय में ए.बी.वी.पी. द्वारा किए गए हवन का उल्लेख किया।


निजी स्कूलों की लूट-खसूट पर कसे शिकंजा 
माकपा के विधायक राकेश सिंघा ने राज्य में निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से की जा रही लूट-खसूट का मुद्दा उठाया और इन स्कूलों पर शिक्षा का अधिकार कानून के तहत नकेल कसने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि जो निजी शिक्षण संस्थान शिक्षा की दुकानें बन गई हैं, उन्हें तुरंत बंद किया जाए। सिंघा ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों खासकर स्कूलों की फीस पर सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। उन्होंने शिमला के एक निजी नामी स्कूल द्वारा यूरोप टूअर के नाम पर बच्चों से 2-2 लाख रुपए वसूलने का मामला भी उठाया और कहा कि जो बच्चे इतनी बड़ी रकम न देने के कारण इस दौरे पर नहीं जा पा रहे हैं वे और उनके अभिभावक अवसाद का शिकार हो गए हैं।


जगत सिंह नेगी बोले, रूसा बैस्ट सिस्टम 
विधायक जगत सिंह नेगी ने रूसा को बैस्ट सिस्टम बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने पर रूसा को खत्म करने की बात कही थी लेकिन अब इस पर पलटी मार दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे में भाजपा को माफी मांगनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि रूसा का विरोध शिक्षक दल और युवा संगठन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में बायोमीट्रिक मशीनें और सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएं।


पैट, पी.टी.ए. और एस.एम.सी. के लिए बने नीति 
विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्राइवेट स्कूल खोले जाने के लिए नीति बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की लूट-खसूट रोकने के लिए रैगुलेटरी कमीशन बनाया जाना चाहिए ताकि निजी स्कूलों पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार पैट, पैरा, पी.टी.ए. और एस.एम.सी. के लिए नीति बनाए और उन्हें नियमित कैसे किया जाए, इसको लेकर उचित कदम उठाए। उन्होंने कहा कि आवासीय स्कूल खोलना अच्छी सोच है लेकिन इन स्कूलों को खोलने के क्या मापदंड होंगे, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। विधायक नंद लाल ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।

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