Edited By kirti, Updated: 12 May, 2019 10:34 AM
चौहारघाटी के कई दुर्गम गांवों में अफीम की खेती लहलहा रही है। प्रतिबंध के बावजूद यहां कई गांवों में नशे की अवैध खेती का कारोबार फलफूल रहा है। बता दें कि उपमंडल मुख्यालय पधर की दुर्गम चौहारघाटी में बागवानी व नकदी फसलों की अपार संभावनाएं हैं। यहां की...
पधर : चौहारघाटी के कई दुर्गम गांवों में अफीम की खेती लहलहा रही है। प्रतिबंध के बावजूद यहां कई गांवों में नशे की अवैध खेती का कारोबार फलफूल रहा है। बता दें कि उपमंडल मुख्यालय पधर की दुर्गम चौहारघाटी में बागवानी व नकदी फसलों की अपार संभावनाएं हैं। यहां की जलवायु भी मटर, मूली, बंद गोभी व आलू सहित सभी सब्जियों सहित बागवानी के लिए अति उत्तम है। एक समय था जब संपूर्ण चौहारघाटी में भांग व अफीम की खेती की जाती थी लेकिन आज यहां के अधिकतर बेरोजगार युवाओं का नशे की खेती छोड़कर नकदी फसलों की ओर रुझान बढ़ा है लेकिन आज भी कुछ लोग जल्दी अमीर बनने के लालच में अवैध नशे की खेती कर रहे हैं।
सूचना है कि चौहारघाटी की बल्ह टिक्कर व रोपा पंचायत में भारी मात्रा में अफीम की खेती की गई है और रोपा पंचायत में सरकारी भूमि में भी खेती पाई गई है। बल्ह टिक्कर पंचायत के गांव जोरला, कुझरधार, ऊखल गलु, रिहड़ा गंगाल तथा खलबुट व रोपा पंचायत के छुछल व दरुन गांव के बाहर सरकारी भूमि में भारी मात्रा में खेती देखी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा अभी भी इसकी खेती की जा रही है और इनके कारण संपूर्ण चौहारघाटी अवैध नशे की खेती के लिए बदनाम हो रही है।