गांवों में बस चला रहे आप्रेटरों को रोड टैक्स में मिलेगी छूट

Edited By kirti, Updated: 22 Dec, 2019 11:54 AM

operators driving buses in villages will get exemption in road tax

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बस चला रहे निजी बस आप्रेटरों को परिवहन विभाग रोड टैक्स में छूट प्रदान करेगा। यह निर्णय परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जे.एम. पठानिया ने शनिवार को आर.टी.ए. की बैठक में लिया है। बैठक में निजी बस आप्रेटरों ने टैक्स को लेकर...

 

धर्मशाला (ब्यूरो): जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बस चला रहे निजी बस आप्रेटरों को परिवहन विभाग रोड टैक्स में छूट प्रदान करेगा। यह निर्णय परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जे.एम. पठानिया ने शनिवार को आर.टी.ए. की बैठक में लिया है। बैठक में निजी बस आप्रेटरों ने टैक्स को लेकर आ रही समस्याओं से निदेशक को अवगत करवाया। आप्रेटरों का कहना है कि यदि सरकार उनसे टैक्स वसूल कर रही है तो उन्हें ग्रामीण रूट की जगह हाईवे पर बस चलाने का रूट परमिट जारी करें। बता दें कि वर्ष 2011 में भाजपा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए टैक्स फ्री रूट परमिट प्रदान किए थे, लेकिन 1 साल बाद सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई जा रही बसों से टैक्स वसूलना शुरू कर दिया। इस कारण बस आप्रेटरों को आॢथक नुक्सान झेलना पड़ा और आधे से ज्यादा आप्रेटरों ने ग्रामीण क्षेत्रों में बसें चलाना बंद ही कर दीं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में बसें चला रहे बस आप्रेटर न तो समय पर टैक्स चुका पा रहे हैं और न ही बैंक से लिए कर्ज की किस्त भर पा रहे हैं। इसके मद्देनजर परिवहन निदेशक ने उन्हें रोड टैक्स में छूट देने का फैसला लिया है।

एच.आर.टी.सी. को अस्थायी रूट परमिट देने का विरोध

 

आर.टी.ए. की बैठक में जिला के निजी बस आप्रेटरों ने मोटर वाहन अधिनियम धारा 87सी (आई) के अंतर्गत एच.आर.टी.सी. को अस्थायी रूट परमिट जारी करने का विरोध किया। इसे लेकर आपे्रटरों ने परिवहन निदेशक कैप्टन जे.एम. पठानिया को मांग पत्र सौंपा। जिला निजी बस आप्रेटर यूनियन के प्रधान हैप्पी अवस्थी, उपप्रधान शिव चौधरी, चेयरमैन पवन सोनी व सचिव अजय आदि ने कहा कि परिवहन निगम ने आर.टी.ए. की बैठक में अस्थायी रूट परिमटों के लिए गलत पब्लिक डिमांड दर्शाकर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 87सी (आई)के अंतर्गत आवेदन किया है। एच.आर.टी.सी. के पास पहले से ही 3667 रूट परमिट हैं जिनमें से आधे रूटों पर ही निगम की बसें चल रही हैं। परिवहन निदेशक कैप्टन पठानिया ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 87सी (आई)के अंतर्गत परिवहन निगम को केवल वही रूट परमिट दिए जाते हैं, जहां पर लोगों को कोई भी बस सुविधा न हो। प्रधान हैप्पी ने कहा कि परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करे कि परिवहन निगम के पास वर्तमान में डिपो वाइज कितनी बसें तथा वर्तमान में कितने रूट परमिट हैं व कितने रूटों का टैक्स एच.आर.टी.सी. सरकार को अदा कर रही है। यदि वास्तव में निगम के पास बस के लिए कोई पब्लिक डिमांड है तो परिवहन विभाग अपने स्तर पर सर्वे कमेटी द्वारा सर्वेक्षण करवाए।

निजी बस आप्रेटरों को 73 रूट ट्रांसफर

 

परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जे.एम. पठानिया की अध्यक्षता में शनिवार को आर.टी.ए. की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला कांगड़ा के लगभग 300 के करीब निजी बस आप्रेटरों ने भाग लिया। बैठक में रूट परमिट ट्रांसफर करने व ऑटो के नए रूट परमिट देने पर चर्चा की गई। परिवहन निदेशक कैप्टन पठानिया ने बताया कि बैठक में लगभग 73 निजी बस आप्रेटरों को रूट परमिट ट्रांसफर किए गए। इसके अतिरिक्त लगभग 50 आप्रेटरों ने रूट परमिट के लिए परिवहन विभाग के पास आवेदन किया था। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने नए रूट परमिट के लिए बस आप्रेटरों से आवेदन मांगे थे, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने के कारण कुछ बस आप्रेटरों के आवेदन विभाग द्वारा स्वीकार नहीं किए गए थे। निदेशक ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के कारण बस आप्रेटरों के रूट परमिट के आवेदन स्वीकार न किए जाने के चलते उन्हें 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। 10 दिन के भीतर रूट परमिट के लिए जितने भी आवेदन विभाग के पास आएंगे, उन पर अगले वर्ष 23 जनवरी को होने वाली आर.टी.ए. की बैठक में मुहर लगेगी। उन्होंने कहा कि बैठक में कांगड़ा व ज्वालाजी से नए ऑटो रिक्शा चलाने के लिए रूट परमिट के आवेदन प्राप्त हुए हैं।

 

 

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