Edited By kirti, Updated: 11 Jul, 2018 12:58 PM
प्रदेश विधानसभा के धर्मशाला शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिए हुए लगभग डेढ़ वर्ष बीत गए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत देखने पर आलम इसके विपरीत ही नजर आती है। दरअसल नगर निगम को बने हुए 2 वर्ष से अधिक का समय बीत गया है।
धर्मशाला (जिनेश) : प्रदेश विधानसभा के धर्मशाला शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिए हुए लगभग डेढ़ वर्ष बीत गए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत देखने पर आलम इसके विपरीत ही नजर आती है। दरअसल नगर निगम को बने हुए 2 वर्ष से अधिक का समय बीत गया है। लेकिन विकास के नाम पर अभी हालात इस कदर है कि निचला सकोह में नगर निगम द्वारा लगाया गया स्वागत बोर्ड हर किसी यात्री और राहगीर को गलत पहचान बताते हुए शहर में विकास के सभी दावों की पोल खोलता हुआ नजर आ रहा है। नगर निगम धर्मशाला द्वारा निचला सकोह में पूर्वस्थापित नगर परिषद द्वारा लगाए गए स्वागत बोर्ड पर प्लास्टिक के कवर में नगर निगम का नाम लिखकर लपेट दिया गया है। लेकिन निगम प्रशासन द्वारा विकासकार्यों की अनदेखी का असर यहां खुलकर सामने आ रहा है।
बोर्ड पर लगाया गया प्लास्टिक का कवर पूरी तरह से गायब हो चुका है। वार्ड पार्षद बिमला देवी का कहना है कि जब से नईं सरकार आई है तब से सभी कार्य रूक गए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने की बजाए लगातार बहाने बना रहा है। अब तो विकास का सपना सिर्फ दिमाग में ही आता है हकीकत से तो यह गायब हो गया है। राज कुमार घोड़े वाला के घर के पास गिर रहे रास्ते के बारे में प्रशासन को अवगत करवाया था लेकिन रास्ता बनने का काम सिर्फ टैंडर तक ही रूकता रहा है। लोगों का कहना है कि 3 वर्षों से प्रशासन के आगे गुहार लगा चुके हैं लेकिन प्रशासन के कानों जूं तक नहीं रेंगती है। राहगीर यहां से गिरकर घायल हो चुके हैं।