हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल की खुली पोल, इस वजह से नहीं हुआ साढ़े 3 साल के बच्चे का आप्रेशन

Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Dec, 2017 06:33 PM

open secret of himachal  s biggest hospital  not done operation of child

हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में अब गोरखधंधा चल पड़ा है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में अब गोरखधंधा चल पड़ा है। जिस दिन की डाक्टर मरीज को आप्रेशन करने की तिथि देते हैं, उस दिन भी आप्रेशन नहीं हो पाते हैं, ऐसे में मरीजों को आई.जी.एम.सी. में आप्रेशन करवाने में मुश्किलें आ रही हैं। इस तरह का उदाहरण आई.जी.एम.सी. में तब देखने को मिला जब कश्मीर का रहने वाला शाकिर हुसैन अपने बेटे का इलाज करवाने आई.जी.एम.सी. आया था। डाक्टर ने उन्हें 11 दिसम्बर को आप्रेशन करने की तिथि दी थी लेकिन 3 दिन बीतने के बाद भी आप्रेशन नहीं हो पाया। 

बेटे का होना था हर्निया का आप्रेशन 
शाकिर हुसैन के साढ़े 3 साल के बेटे का हर्निया का आप्रेशन होना था लेकिन डाक्टर ने उन्हें स्पष्ट शब्दों में कहा कि आप्रेशन थिएटर यानी (ओ.टी.) में टेबल ही नहीं है, ऐसे में बच्चे का आप्रेशन नहीं हो पाएगा। हैरत की बात है कि आई.जी.एम.सी. हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। जब यहां पर ही टेबल की सुविधा न हो तो बाकी अस्पतालों का क्या होगा। चिंता का विषय तो यह है कि एक तरफ इतनी दूर कश्मीर से मरीज का इलाज करवाने व्यक्ति आई.जी.एम.सी. आया था, दूसरी ओर अभी तक डाक्टर ने उन्हें फिर से आप्रेशन करने की तिथि नहीं दी है। डाक्टर का कहना है कि जब टेबल खाली होगा तभी आप्रेशन होगा, ऐसे में अब ये दोनों बाप-बेटा आई.जी.एम.सी. में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। आई.जी.एम.सी. में ऐसा हाल पहली बार देखने को नहीं मिला है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं। 

बी.पी.एल. कार्ड दिखाने पर भी नहीं मिला सर्जरी का सामान 
उधर, आई.जी.एम.सी. में चम्बा के रहने वाले नेक राम ने भी सर्जरी का सामान न मिलने पर आरोप लगाया है। नेक राम का कहना है कि उसके पास बी.पी.एल. का कार्ड भी था लेकिन उसको आप्रेशन का नि:शुल्क सामान नहीं दिया गया। नेक राम का पथरी का आप्रेशन होना था। ऐसे में नेक राम ने भारी पैसे खर्च कर बाहरी दुकानों से आप्रेशन का सामान खरीदा तभी उसका आप्रेशन हुआ। यहां पर सबसे बड़ी बात तो यह है कि कार्ड धारकों को यह सामान नि:शुल्क मिलता है लेकिन प्रशासन के ये सारे दावे खोखले नजर आ रहे हैं।

क्या कहते हैं आई.जी.एम.सी. के प्रधानाचार्य
आई.जी.एम.सी. के प्रधानाचार्य  अशोक शर्मा ने बताया कि मुझे इस बारे मालूम नहीं है। ऐसा नहीं है, सभी मरीजों के इलाज होते हैं। हो सकता है, उस दौरान टेबल न मिला हो लेकिन बाद में तो उसका आप्रेशन हो गया होगा। अगर नहीं हुआ होगा तो इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। 

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