एक देश-एक चुनाव का प्रस्ताव असंवैधानिक व अव्यवहारिक : अग्रिहोत्री

Edited By Vijay, Updated: 22 Sep, 2018 10:19 PM

one country one proposal is unconstitutional and impractical

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि एक देश-एक चुनाव को करवाए जाने का प्रस्ताव असंवैधानिक एवं अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचा इसकी अनुमति नहीं देता और मौजूदा प्रावधान के अनुसार ऐसा करवाया जाना संभव भी नहीं...

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि एक देश-एक चुनाव को करवाए जाने का प्रस्ताव असंवैधानिक एवं अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचा इसकी अनुमति नहीं देता और मौजूदा प्रावधान के अनुसार ऐसा करवाया जाना संभव भी नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी प्रदेश की विधानसभा के कार्यकाल को कम और ज्यादा नहीं किया जा सकता। नेता प्रतिपक्ष हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारतीय क्षेत्र-4 के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन व कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से जानना चाहा कि क्या वह पौने 4 साल पहले राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हैं। अगर नहीं तो इस विषय को फिलहाल चर्चा तक ही सीमित रखा जाना सही है। उन्होंने आयोजन में कांग्रेस शासित राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष व प्रतिनिधियों को कम संख्या में बुलाए जाने पर भी आपत्ति जताई।

नशे का कारोबार करने वालों को मिले फांसी, संपत्ति भी जब्त की जाए
नशे के खिलाफ प्रदेश सरकार की तरफ से चलाए जाने वाले प्रस्ताव का नेता प्रतिपक्ष ने समर्थन किया तथा मांग की कि राज्य सरकार इस कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ फांसी की सजा और संपत्ति को जब्त करने जैसे कठोर कानून को विधानसभा से पास करके केंद्र सरकार को भेजे। इसमें विपक्षी कांग्रेस का सरकार को पूरा समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि नशे को लेकर करीब 1,100 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, ऐसे में नशे के खिलाफ कठोर कानून बनाए जाने की आवश्यकता है।

देश की आजादी का प्रस्ताव यहीं से पास हुआ
नेता प्रतिपक्ष ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह वही स्थान है जहां से देश की आजादी का प्रस्ताव पारित हुआ था। बिट्ठल भाई पटेल यहीं पर पीठासीन अधिकारी बने थे और कुर्सी पर बैठते हुए उन्होंने कहा था कि वह अब किसी भी दल के सदस्य नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और सर्वसम्मति से दोबारा कुर्सी पर बैठे। उन्होंने कहा कि विधानसभा की स्वायत्तता को लेकर भी यहीं पर प्रस्ताव पास हुआ था।

राष्ट्रीय अकादमी की मांग का किया समर्थन
मुकेश अग्रिहोत्री ने धर्मशाला के तपोवन में राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी (एन.ई.वी.ए.) का समर्थन किया और लोकसभा अध्यक्ष से इस मांग को जल्द पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ई-विधान को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल के प्रयास रंग ला रहे हैं, जिस पर अब मौजूदा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल आगे बढ़ रहे हैं।

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