Edited By kirti, Updated: 07 Dec, 2018 09:57 AM
रिवालसर झील के पानी का रंग 2 वर्षों के बाद फिर से बदलने लगा है। स्थानीय लोग इस घटनाक्रम को झील का अस्तित्व खत्म होने की आशंका से भी जोड़ रहे हैं, क्योंकि इससे पहले 2017 में भी झील के पानी का रंग बदल गया था, जिसके बाद टनों के हिसाब से मछलियां मरी...
रिवालसर : रिवालसर झील के पानी का रंग 2 वर्षों के बाद फिर से बदलने लगा है। स्थानीय लोग इस घटनाक्रम को झील का अस्तित्व खत्म होने की आशंका से भी जोड़ रहे हैं, क्योंकि इससे पहले 2017 में भी झील के पानी का रंग बदल गया था, जिसके बाद टनों के हिसाब से मछलियां मरी थीं। क्षेत्र के विजय कुमार, पवन गुप्ता, सुदर्शन शर्मा, रणजीत राव व गोवर्धन शर्मा सहित कई लोगों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि झील बहुत ज्यादा प्रदूषित हो चुकी है। वहीं नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष बंशी राम ठाकुर ने कहा कि झील किनारे बने कुछ मकानों के सैप्टिक टैंकों के रिसाव की वजह से पानी प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सीवरेज व्यवस्था देने में जितनी देरी होगी, उतना ही ज्यादा नुक्सान झील का होगा।
राज्य सरकार को नोटिस जारी
रिवालसर की स्वयंसेवी संस्था डी.ए.जी. के निदेशक नरेश शर्मा ने कहा कि उनकी संस्था की पहल पर एन.जी.टी. ने झील के रखरखाव को लेकर राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया था, जिस पर बनी उच्च स्तरीय कमेटी के गठन के बाद सर्वे भी हुआ था, जिसमें झील को बचाने के लिए कई तरह के उपाय भी सुझाए गए थे, लेकिन उन पर अमल न हो पाने से झील का अस्तित्व आज खतरे में है।