Edited By Vijay, Updated: 20 Jul, 2019 09:58 PM
पुरानी पैंशन स्कीम बहाल करने की लंबे अरसे से लड़ाई लड़ रहे लाखों कर्मचारियों को मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने इस स्कीम को पुन: लागू करने से साफ इंकार कर दिया है। लोकसभा में शुक्रवार को पैंशन स्कीम को लेकर सवाल भाजपा के ही सांसद...
धर्मशाला (जिनेश): पुरानी पैंशन स्कीम बहाल करने की लंबे अरसे से लड़ाई लड़ रहे लाखों कर्मचारियों को मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने इस स्कीम को पुन: लागू करने से साफ इंकार कर दिया है। लोकसभा में शुक्रवार को पैंशन स्कीम को लेकर सवाल भाजपा के ही सांसद राकेश सिंह और नागर ने लोकसभा में पूछा था, जिसके जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह बात कही। राज्य मंत्री ने अपने बयान में कहा कि पैंशन का बिल ज्यादा हो जाता है, जिसे सरकार आसानी से बहाल नहीं कर सकती। इससे देश के विकास पर भी विपरीत असर पड़ता है। इसलिए न्यू पैंशन स्कीम एक सुविचार कदम है जोकि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए देश की सहायता कर रहा है।
नई पैंशन स्कीम को लेकर खासे रोष में हैं सरकारी कर्मचारी
नई पैंशन स्कीम के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारी खासे रोष में हैं। उनका कहना है कि अब मोदी सरकार के सुर बदलने लगे हैं। जो लोग लोकसभा चुनावों से पहले इस मुद्दे को उठाने की बात कर रहे थे वह अब लोकसभा में बैठकर इसको लेकर स्पष्टीकरण देते नजर आ रहे हैं कि अब ओल्ड पैंशन स्कीम का लाभ जो है वह देश को नहीं मिल सकता है। कर्मचारियों का कहना है कि सांसद व मंत्रियों को लगातार पैंशन मिलती आ रही है, साथ ही साल के बाद उनकी पैंशन में वृद्धि की जाती है। उस समय सरकारें बजट का बहाना नहीं रोती हैं।
1 जनवरी, 2004 के बाद नियुक्तियां पुरानी पैंशन स्कीम से बाहर
बता दें कि 1 जनवरी, 2004 के बाद जितनी भी नियुक्तियां सरकारी कर्मचारियों की पूरे देश में हुई हैं उनको पुरानी पैंशन स्कीम से बाहर कर दिया गया है और अब सिर्फ मंत्रियों व विधायकों को ही पैंशन सरकारें दे रही हैं बाकी सभी को न्यू पैंशन स्कीम के तहत लाया गया है।