Edited By Kuldeep, Updated: 15 Jun, 2020 07:44 PM
कांगड़ा में एक दिन की एस.डी.एम. बनी कर्मचारी की बेटी के बाद अब नूरपुर में एक किसान की बेटी ने एसडीएम नूरपुर के साथ कुर्सी सांझा की।
नूरपुर (रूशांत): कांगड़ा में एक दिन की एसडीएम बनी कर्मचारी की बेटी के बाद अब नूरपुर में एक किसान की बेटी ने एसडीएम नूरपुर के साथ कुर्सी सांझा की। फर्क सिर्फ इतना है कि कांगड़ा में खुद एसडीएम ने अपने कार्यालय के कर्मचारी की बेटी को सम्मानित करने के लिए एक दिन का एसडीएम बनाया था, लेकिन यहां खुद चलकर जनेरा गांव की पलक अपने किसान पिता संतोष के साथ एसडीएम के पास पहुंची और कुछ समय के लिए कार्यालय की कार्यवाही जानने की इच्छा जाहिर की। समरहिल स्कूल लोधवां की इस छात्रा ने हाल ही में प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं कक्षा के नतीजों में 96 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। एस.डी.एम. डा. सुरेंद्र ठाकुर ने पलक से कुछ सवाल-जवाब किए तथा उसके बाद अपने बगल में एक कुर्सी लगाकर बेटी को बैठा लिया। कुछ देर तक एस.डी.एम. ने पलक को कार्यालय में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों पर नजर रखने को कहा तथा उसके बाद कोरोना महामारी से संबंधित मैन्यूल कफ्र्यू पास के आवेदनों को जांच कर उनको जारी करने का काम पलक को सौंपा। उन्होंने कार्यालय की विभिन्न शाखाओं में ले जाकर उसे हर प्रशासनिक कार्य को करने के तरीकों और उस पर एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर निर्णय लेने के गुर भी सिखाए।
पलक का सपना आईएएस बनना है
पलक ने बताया कि उसके पिता किसान हैं, जबकि उसके अंकल हिमाचल में आईपीएस अधिकारी के पद पर रह चुके हैं। उसने बताया कि वह अपने अंकल के.के. इंदौरिया से काफी प्रभावित है तथा आईएएस बनना चाहती है। पलक ने बताया कि मीडिया में कांगड़ा का एपिसोड देखने के बाद उसे भी यह महसूस हुआ कि यदि आईएएस बनना है तो मुझे भी प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली व कार्य को अनुभव करना चाहिए। पलक ने बताया कि आईएएस बनना उसका सपना है, लेकिन एसडीएम कार्यालय में कुछ समय प्रशासनिक कार्य देखने व समझने के बाद अब यह सपना जुनून बन गया है तथा एक दिन एसडीएम की कुर्सी पर बैठ कर ही रहूंगी।
पलक तथा उसके पिता ने एसडीएम का आभार व्यक्त किया
पलक तथा उसके पिता ने एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर का कार्यालय की गतिविधियां बताने के लिए आभार व्यक्त किया। एसडीएम डा. सुरेंद्र ठाकुर ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि पलक की लगन और मेहनत से उसके सपनों की उड़ान को मंजिल अवश्य मिलेगी। उन्होंने पलक को भरोसा दिया कि भविष्य में जब भी उसे उनकी तरफ से किसी भी सहयोग की आवश्यकता होगी तो वह इसके लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।