नूरपुर बस हादसा: पठानिया के सामने पीड़ितों ने बयां किया दर्द, विधायक ने दिलाया भरोसा

Edited By Ekta, Updated: 10 May, 2018 11:33 AM

nurpur bus incident pathania in front of the victim knee pain

विधायक महोदय, हमने अपने जिगर के टुकड़े खोए हैं, हम ए.डी.एम. की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। चेली बस हादसे में भगवान को प्यारे हुए बच्चों के परिजनों ने बुधवार दोपहर बाद नूरपुर अस्पताल में विधायक राकेश पठानिया के समक्ष पहुंच कर इस जांच रिपोर्ट पर सवाल...

नूरपुर: विधायक महोदय, हमने अपने जिगर के टुकड़े खोए हैं, हम ए.डी.एम. की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। चेली बस हादसे में भगवान को प्यारे हुए बच्चों के परिजनों ने बुधवार दोपहर बाद नूरपुर अस्पताल में विधायक राकेश पठानिया के समक्ष पहुंच कर इस जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए। असंतुष्ट लोग रिपोर्ट से काफी आक्रोश में थे, जिनको विधायक ने संभाला और शांत किया। उन्होंने पीड़ितों को शांत करते हुए कहा कि राकेश पठानिया आपके साथ खड़ा है तथा कोई अन्याय नहीं होने देगा। मृतक बच्चों के परिजनों ने स्थानीय विधायक को अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि ए.डी.एम. की ओर से डी.सी. कांगड़ा को सौंपी गई स्कूल बस हादसे की जांच रिपोर्ट में हादसे की पूरी जिम्मेदारी बस चालक मदन लाल पर डाल दी गई है, जोकि गलत है। 


इसके बाद पीड़ितों ने उनको ठेहड़ पंचायत के उपप्रधान की अगुवाई में हस्ताक्षरित ज्ञापन दिया। सौंपे ज्ञापन में पीड़ितों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि उक्त जांच को सिरे से खारिज करते हुए उच्च स्तरीय जांच बिठाई जाए, ताकि हमें न्याय मिल सके तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। इस दौरान रिपोर्ट पर पीड़ितों ने चक्का जाम करने की धमकी दी, अगर उन्हें न्याय नहीं दिया गया। पठानिया ने कहा कि उन्होंने ए.डी.एम. कांगड़ा द्वारा हादसे के कारणों को लेकर की जा रही जांच को पहले से ही खारिज कर दिया था और शिमला में पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री के साथ इस मुद्दे को उठाया था। 


उन्होंने उनसे कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बस दुर्घटना में उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया था। उन्होंने भी मैजिस्ट्रेट जांच को नकारते हुए साफ किया कि यह रिपोर्ट सरासर अव्यावहारिक और तथ्यों से परे है। उन्होंने कहा कि एक योजनाबद्ध षड्यंत्र में एक अज्ञात शिकायतकर्ता ने 9 अप्रैल को उसी दिन बस दुर्घटना से संबंधित एफ.आई.आर. दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने कहा था कि बस चालक तेज रफ्तार में बस चला रहा था। अब तक उस शिकायतकर्ता की पहचान नहीं की जा सकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका बयान जांच के दौरान ए.डी.एम. द्वारा भी दर्ज नहीं किया गया था। उन्होंने इस जांच में प्रत्यक्षदर्शी को भी नजरअंदाज कर दिया।
 

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