नूरपुर बस हादसा: एक साल बाद भी पीड़ित परिवारों के जख्म हरे

Edited By Ekta, Updated: 09 Apr, 2019 03:47 PM

nurpur bus accident

नूरपुर बस हादसे को भले ही साल बीत गया हो, लेकिन खुवाड़ा गांव के इन पीड़ित परिवारों के जख्म आज भी हरे हैं। अपने बच्चों को खोने का सदमा इन लोगों की जिंदगी का हिस्सा सा बन चुका है। बच्चों के माता-पिता आज भी उस जख्म को नहीं भूल पाए हैं। उनको याद कर आज भी...

नूरपुर (भूषण शर्मा): नूरपुर बस हादसे को भले ही साल बीत गया हो, लेकिन खुवाड़ा गांव के इन पीड़ित परिवारों के जख्म आज भी हरे हैं। अपने बच्चों को खोने का सदमा इन लोगों की जिंदगी का हिस्सा सा बन चुका है। बच्चों के माता-पिता आज भी उस जख्म को नहीं भूल पाए हैं। उनको याद कर आज भी उनकी आंखों से आंसू बंद होने का नाम नहीं ले रहे हैं। गांव वाले आज भी इंसाफ के लिए गुहार लगा रहे हैं और कह रहे कि पता नहीं कब इंसाफ मिलेगा। आज दर्दनाक हादसे में स्कूल बस में मृतकों को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
PunjabKesari

गांव के विक्रम सिंह, कर्ण सिंह, हंस राज, सीमा देवी व सिमरन ने बताया कि आज ही के दिन गांव के 24 बच्चे, एक ड्राइवर, दो अध्यापक और एक अन्य दर्दनाक हादसे का शिकार हुए थे। बड़े ही अफसोस कि बात है कि शासन हो या प्रशासन या पक्ष हो या विपक्ष किसी ने भी खुलकर साथ नहीं दिया, जिससे हमारे बच्चों को इंसाफ मिल सके। गांव के लोग मुख्यमंत्री, हर मंत्री से ओर जिलाधीश से मिले। यहां तक कि जिलाधीश के दफ्तर जाकर नाक तक रगड़ी की हमारे बच्चों की सीबीआई जांच करवाई जाए, जिससे हमें इंसाफ मिल सके। साथ ही हमारे बच्चों की आत्मा को शांति मिल सके। इन्होंने आज तक कोई भी ऐसा ठोस कदम नहीं उठाया जिससे हमें लगे कि हमारे बच्चों को इंसाफ मिल रहा है।
PunjabKesari

आजकल चुनावी माहौल है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां निकाली जा रही हैं और जनता भी उनका साथ दे रही है। हम गांववासी जनता से आग्रह करते हैं जो आप इन रैलियों में सहयोग दे रहे हैं, अगर एक रैली इन राजनेताओं ने हमारे बच्चों के नाम से भी निकाली होती तो आज हमारे बच्चों को इंसाफ मिल जाता। जनता से गांववालों ने अपील करते हुए कहा कि हमारे बच्चे आपके भी बच्चे थे इनका साथ दे। हमारे बच्चे वापिस तो नहीं आ सकते पर कोई ठोस कदम हमें इंसाफ दिला सकता है।

सड़कों की बात से देखा गया है जब-जब कोई बड़ा हादसा हुआ है तभी विभाग कुम्भकर्णी नींद से जागा है। पहले प्रशासन कहा सोया होता है। इस हादसे में लोक निर्माण विभाग को क्यों बचाया जा रहा है। एक वर्ष हो गया इस हादसे को सरकार इनसे डैमेज रिपोर्ट नहीं मांग पाई है, क्योंकि इसमें सरकारी अधिकारी फंस रहे हैं। क्या ऐसे और दर्दनाक हादसों का सरकार इंतजार कर रही है। ये पूरा गांव इस बार लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेगा। किसी भी राजनीतिक दल को वोट नहीं डालेगा। अगर राजनीतिक दल इन बच्चों को इंसाफ नही दिला सकते तो कोई भी राजनीतिक दल इस गांव में वोट मांगने मत आना। अगर आप इन बच्चो को इंसाफ नहीं दिलवा सकते तो आपको कोई भी हक नहीं है वोट मांगने का।
 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!