Edited By Vijay, Updated: 03 Feb, 2021 04:40 PM
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लगातार वीसी और डीएस की शह में नियमों को ताक पर रखकर चहेतों की भर्तियां की जा रही हैं। यूनिवर्सिटी का भगवाकरण किया जा रहा है और कोर्ट के आदेशों को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है जबकि सरकार आंखें मूंद कर बैठी है।
शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लगातार वीसी और डीएस की शह में नियमों को ताक पर रखकर चहेतों की भर्तियां की जा रही हैं। यूनिवर्सिटी का भगवाकरण किया जा रहा है और कोर्ट के आदेशों को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है जबकि सरकार आंखें मूंद कर बैठी है। यह आरोप शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष छतर सिंह ने लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में वीसी और डीएस मनमानी कर रहे हैं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। यूनिवर्सिटी में आवेदन की छंटनी के लिए बनाई गई कमेटी के लोग अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने के लिए नियमों को दरकिनार कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने भी विश्वविद्यालय की एडमिशन प्रकिया को गलत ठहराया है, बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रशासन अडिय़ल रवैया अपनाए हुए है और बिना प्रवेश परीक्षा के अपात्र लोगों को दाखिले दिए गए हैं जबकि पात्र छात्रों को दाखिले नहीं दिए गए हैं। यह आरोप शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष छतर सिंह ने लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लगातार आरएसएस के लोगों की भर्तियां की जा रही हैं और एचपीयू का भगवाकरण किया जा रहा है। कोरोना काल में एचपीयू ने छात्रों की परीक्षाएं लीं और प्रवेश परीक्षा के बिना ही छात्रों को दाखिले दिए। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार तानाशाही रवैया अपना रहा है। सरकार ने अगर जल्द ही डीएस और वीसी को बर्खास्त नहीं किया तो एनएसयूआई विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।