Edited By Vijay, Updated: 02 Oct, 2020 08:47 PM
एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने गांधी जयंती व एनपीएसईए के स्थापना दिवस पर पुरानी पैंशन बहाली के लिए रैली निकाली। यह रैली भरमौर चौक से शुरू हुई, जिसके बाद पूरे शहर की परिक्रमा करने गांधी गेट के पास पहुंची।
चम्बा (काकू): एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने गांधी जयंती व एनपीएसईए के स्थापना दिवस पर पुरानी पैंशन बहाली के लिए रैली निकाली। यह रैली भरमौर चौक से शुरू हुई, जिसके बाद पूरे शहर की परिक्रमा करने गांधी गेट के पास पहुंची। यहां पर एनपीएस कर्मियों ने पुरानी पैंशन बहाली के लिए संकल्प लिया, वहीं संघर्ष की आगामी रणनीति भी बनाई गई। इस रैली में काफी संख्या में एनपीएस कर्मियों ने भाग लिया। इससे पहले एनपीएस महासंघ स्थापना दिवस तथा गांधी जयंती की भी शुभकामनाएं दीं।
जिलाध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि एक देश में एक ही संविधान है, जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाकर एक संविधान एक विधान का प्रावधान किया गया है, लेकिन कर्मचारियों और नेताओं के लिए पैंशन के लिए दो विधान कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा 15 मई, 2003 को पूरे देश में सबसे पहले एनपीएस लागू करना ङ्क्षनदनीय फैसला था। केंद्र सरकार ने पूरे देश में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पहली जनवरी 2004 से एनपीएस को लागू किया था। पैंशन को लेकर देश में एक नीति होनी चाहिए। राजनेताओं को किस आधार पर पैंशन दी जा रही है। सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों शिक्षक व कर्मचारी हैं, जिन्हें एनपीएस दी जा रही है, जो सेवानिवृत्ति के बाद बाजार आधारित पैंशन व्यवस्था है, जिसमें बुढ़ापे के समय नियमित पैंशन राशि नहीं मिलती है। ऐसे में पूरा सेवाकाल शून्य हो जाता है। 2004 में यह योजना केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई है, जिसे अनेक राज्य सरकारों ने भी लागू किया है। इसी तरह चुवाड़ी व डल्हौजी में भी गांधी जयंती व एनपीएसईए के स्थापना दिवस पर पुरानी पैंशन योजना बहाली संकल्प दिवस मनाया गया व पदयात्रा भी निकाली गई।